उत्तर प्रदेश विधानसभा ने गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन विधेयक)- 2024 पारित कर दिया है।पहले इस कानून के तहत अधिकतम सजा 10 वर्ष और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना था। इस विधेयक के तहत राज्य में अवैध धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है।वहीं, सामूहिक धर्म परिवर्तन और विदेशी फंड से धर्म परिवर्तन कराने पर 7 से 14 वर्ष की सजा तय की गई है।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर धर्म परिवर्तन के लिए किसी व्यक्ति के जीवन अथवा संपत्ति को खतरे में डाला जाता है, या बल प्रयोग किया जाता है या धर्म परिवर्तन के लिए विवाह किया जाता है या विवाह का वादा किया जाता है, तो ऐसे मामले में कारावास की अवधि 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
विधेयक में कहा गया है कि अगर किसी नाबालिग, महिला या व्यक्ति को बहला-फुसलाकर मानव तस्करी की जाती है तो ऐसे मामले में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के विरूद्ध पहला कानून बनाया था।
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