दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी, आईएनएस अरिघाट को 29 अगस्त, 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
परमाणु त्रय को मजबूत करना: रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आईएनएस अरिघाट भारत के परमाणु त्रय को और मजबूत करेगा, परमाणु प्रतिरोध को बढ़ाएगा और क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन और शांति में योगदान देगा।
तकनीकी प्रगति: आईएनएस अरिघाट में उन्नत डिजाइन, विनिर्माण प्रौद्योगिकी और जटिल इंजीनियरिंग शामिल है, जो इसे अपने पूर्ववर्ती आईएनएस अरिहंत से अधिक उन्नत बनाती है।
उन्नत प्रतिरोधक क्षमता: आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघाट दोनों की मौजूदगी विरोधियों को रोकने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की भारत की क्षमता को मजबूत करती है।
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