National Park in Madhya Pradesh, Vanyajeev Abhayaranya, Pakshi Vihar in MP
वन्यजीव अभयारण्य एवं पक्षी विहार
वन्य जीव संरक्षणः- (Wildlife Conservation)
- वन्य प्राणियों के संरक्षण संबंधी भारत में पहला कदम तत्कालीन उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखण्ड) में उठाए गए, जब 1935 ई. में देहरादू में ‘मोतीचूर वन्य जीव बिहार’ (राजाजी राष्ट्रीय उद्यान) की स्थापना की गई। तत्पश्चात् 1936 ई. में एशिया का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान ‘हैली राष्ट्रीय उद्यान’ (जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान) की स्थापना नैनीताल एवं गढ़वाल में की गई।
- भारत में सर्वप्रथम ‘वन्य जीव परिरक्षण संगठन’ की स्थापना वर्ष 1956 में उत्तर प्रदेश में की गई।
- भारत में सर्वप्रथम वन्य जीवों के संरक्षण से संबंधित शिक्षा के लिए 1982 ई. में देहरादून में ‘भारतीय वन्य जीवन संस्थान’ (Wild Life Institute of India) की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य अभयारण्यों तथा वन्य जीवन की व्यवस्था से संबद्ध लोगों को वैज्ञानिक ढंग से व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है।
- वनों से साथ वनों में रहने वाले जीवों को सुरक्षित करने के लिए मध्य प्रदेश में अनेक कदम उठाए गए हैं। सन् 1971 में पहली बार मध्य प्रदेश में वनों में शिकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया तथा वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्यों की स्थापना की शुरुआत की गई।
- ‘भारत का संविधान’ की धारा-21 के अंतर्गत अनुच्छेद-47, 48 एवं 51-A (G) में वन्य जीवों के संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के नियम का वर्णन है।
- वर्तमान में मध्य प्रदेश में 10 राष्ट्रीय उद्यान एवं 25 अभयारण्य हैं।
- मध्य प्रदेश का पहला राष्ट्रीय उद्यान मण्डला जिले में वर्ष 1955 में बना ‘कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान’ है।
- भारत में राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों की कुल संख्या की दृष्टि से मध्य प्रदेश का प्रथम स्थान है।
- मध्य प्रदेश में 1974 ई. में वन्य जीव संरक्षण के लिए ‘वन्य प्राणी संरक्षण नियम’ बनाया गया तथा वन्य प्राणी संरक्षण के लिए ‘कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान’ में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई हैं।
- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान ‘कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान’ (939.95 वर्ग किमी) है जबकि सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान ‘फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान’ (0.27 वर्ग किमी) है।
- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य ‘नौरादोही अभयारण्य’ (1,197.04 वर्ग किमी) है जबकि सबसे छोटा अभयारण्य ‘रालामण्डल अभयारण्य’ (2.34 वर्ग किमी) है।
- भारतीय पक्षियों में सबसे छोटा पक्षी ‘फुलचुकी’ मध्य प्रदेश में बहुत देखा जाता है।
- मध्य प्रदेश सरकार ने 1 नवंबर, 1981 को ‘बारहसिंगा’ हिरण को राजकीय पशु तथा ‘दूधराज’ या ‘शाह बुलबुल’ (पैराडाइज फ्लाइकेचर) को राजकीय पक्षी घोषित किया है।
- थिक्रा पक्षी (पपीहा जैसा दिखने वाला शिकारी पक्षी) मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में पाया जाता है।
- मध्य प्रदेश सरकार की 24 अक्टूबर, 1989 को घोषित अधिसूचना के अनुसार ‘वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम’ के तहत् संपूर्ण मध्य प्रदेश में पूरे वर्ष सभी प्रकार के वन्य प्राणियों एवं पक्षियों का शिकार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
मध्य प्रदेशः राष्ट्रीय उद्यान
- वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल 10 राष्ट्रीय उद्यान अवस्थित है तथा एक प्रस्तावित है। राष्ट्रीय उद्यानों में वन्य जीवों तथा वनों को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।
कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यानः-
- मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में मंडला जिले में स्थित ‘कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान’ वर्ष 1955 में मध्य प्रदेश का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
- हॉलो घाटी एवं बंजर घाटी कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान का अंग है।
- वर्ष 1974 में कान्हा-किसली उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ में शामिल किया गया।
माधव राष्ट्रीय उद्यानः-
- माधव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1959 ई. में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में की गई थी।
बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यानः-
- उमरिया जिले का बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1968 में किया गया था।
- बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत में शेरों के सर्वाधिक घनत्व वाला उद्यान है। यहाँ सफेद शेर भी पाये जाते हैं।
- 32 पहाड़ियों से घिरा बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को हाथियों के निवास के रुप में विकसित किया जा रहा है।
- वर्ष 1993 में बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया था।
फॉसिल (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यानः-
- इस उद्यान में वनस्पति जीवाश्मों को रखा गया है। यह भारत के चार फॉसिल उद्यानों में से एक है।
- मध्य प्रदेश के मण्डला जिले में अवस्थित ‘फॉसिल (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यान’ की स्थापना 1968 ई. में की गई थी, लेकिन इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा वर्ष 1983 में दिया गया।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यानः-
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1979 में भोपाल में की गई।
- जैसा कि हम जानते है कि यह मध्य प्रदेश का जीवाश्म उद्यान के बाद सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
पेंच राष्ट्रीय उद्यानः-
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1979 ई. में मध्य प्रदेश के सिवनी तथा छिन्दवाड़ा जिला तथा महाराष्ट्र के नागपुर जिले के भागों को मिलाकर की गई।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यानः-
- मध्य प्रदेश के छतरपुर एवं पन्ना जिले में ‘पन्ना राष्ट्रीय उद्यान’ की स्थापना वर्ष 1981 में की गई।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यानः-
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1983 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में की गई है।
- वर्ष 1995 में ‘सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान’ को प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
संजय राष्ट्रीय उद्यानः-
- संजय राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1983 मे मध्य प्रदेश के सीधी तथा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 466.66 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर किया गया है।
- संजय राष्ट्रीय उद्यान को भी प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है।
डायनासोर राष्ट्रीय उद्यानः-
- इस राष्ट्रीय उद्यान में डायनासोर के जीवाश्मों को संरक्षित किया गया है।
- वर्ष 2011 मे मध्य प्रदेश के धार जिले में 108 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर किया गया है।
मध्य प्रदेशः बाघ परियोजना
- मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ के नाम से भी जाना जाता है।
- बाघों की घटती संख्या से चिंतित ‘केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार’ द्वारा मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम वर्ष 1973 में ‘कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान’ को ‘बाघ परियोजना’ को प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित किया गया।
- मध्य प्रदेश में वर्तमान में प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत कुल 6 राष्ट्रीय उद्यानों को शामिल किया जा चुका है।
- भारत के विभिन्न प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघों की संख्या गणना के दौरान पायी गई। वर्ष 2003 की गणना के अनुसार पूरे देश का 23% बाघ मध्य प्रदेश में निवास करता है।
मध्य प्रदेशः वन्य जीव अभयारण्य
- वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल अभयारण्यों की संख्या 25 है। जैसा कि हम जानते है कि 3 अभयारण्य प्रस्तावित भी है।
- सोहन चिड़ियाँ (गोडावन) के संरक्षण हेतु घाटी गाँव एवं करैरा में तथा खरमोर पक्षी के संरक्षण हेतु सैलाना एवं सरदारपुर में अभयारण्य बनाये गये हैं।
- मध्य प्रदेश में घड़ियाल के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य, केन अभयारण्य तथा सोन अभयारण्य बनाये गये हैं।
- भारत में विलुप्तप्राय एशियाई सिंहों की प्रजाति के संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर मध्य प्रदेश में ‘कूनों पालपुर अभयारण्य, मुरैना’ का चयन किया गया है एवं यहाँ ‘एशियाई सिंह पुनर्वास कार्यक्रम’ प्रारंभ किया गया है। देश में एकमात्र संरक्षित क्षेत्र ‘गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात’ जहाँ एशियाई सिंह पाये जाते हैं, से सिंहों को लाकर यहाँ पुनर्वासित किया जाता है।
- राजकीय पक्षी ‘दूधराज’ के संरक्षण हेतु सरदारपुर अभयारण्य है।
- रीवा जिले के मुकुन्दपुर में ‘व्हाइट टाइगर सफारी’ का निर्माण किया जा रहा है।
बेरी वन्यजीव अभयारण्यः-
- मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में अवस्थित ‘बेरी वन्य जीव अभयारण्य’ की स्थापना वर्ष 1869 में तवा नदी के किनारे किया गया है।
- ‘बेरी वन्यजीव अभयारण्य’ सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क एवं तवा नदी से घिरा हुआ है। इस अभयारण्य में बॉस अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्यः-
- राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य को ‘राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य’ के नाम से भी जाना जाता है।
- जैसा कि हम जानते है कि यह अभयारण्य तीन ओर से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ चम्बल नदी के किनारे अवस्थित है।
नौरादोही वन्य जीव अभयारण्यः-
- भारत में चीता के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध ‘नौरादोही वन्य जीव अभयारण्य’ संरक्षित अभयारण्य है। यह अभयारण्य प्रदेश के सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर जिले में विस्तृत है।
- यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है।
घाटीगाँव अभयारण्यः-
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में अवस्थित ‘घाटीगाँव अभयारण्य’ की स्थापना वर्ष 1981 में किया गया।
- इस अभयारण्य में ‘ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड’ नामक पक्षी काफी मात्रा में पाया जाता है।
पंचमढ़ी बायोस्फेयर रिजर्व
- ‘केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार’ द्वारा पंचमढ़ी को ‘बायोस्फेयर रिजर्व’ क्षेत्र घोषित किया गया है। यह मध्य प्रदेश का प्रथम तथा देश का दसवाँ ‘बायोस्फेयर रिजर्व’ होगा।
- ‘पंचमढ़ी बायोस्फेयर रिजर्व’ में जैव सम्पदा और सूक्ष्म जीवों का संवर्द्धन किया जाएगा।
- ‘पंचमढ़ी बायोस्फेयर रिजर्व’ के 4,926 वर्ग किमी क्षेत्र में सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के 524 वर्ग किमी क्षेत्र के अलावे बोटी, पंचमढ़ी अभयारण्य तथा निकटवर्ती क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
क्रमांक
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राष्ट्रीय उद्यान
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अवस्थिति
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स्थापना वर्ष
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1.
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कान्हा-किसली
राष्ट्रीय उद्यान
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मंडला एवं बालाघाट
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1955
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2.
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माधव राष्ट्रीय
उद्यान
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शिवपुरी
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1959
|
3.
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बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
|
उमरिया एवं कटनी
|
1968
|
4.
|
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान
|
भोपाल
|
1979
|
5.
|
पेंच राष्ट्रीय
उद्यान
|
सिवनी एवं
छिन्दवाड़ा
|
1979
|
क्रमांक
|
राष्ट्रीय उद्यान
|
अवस्थिति
|
स्थापना वर्ष
|
6.
|
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
|
छतरपुर एवं पन्ना
|
1981
|
7.
|
फॉलिस (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यान
|
मण्डला
|
1983
|
8.
|
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
|
होशंगाबाद
|
1983
|
9.
|
संजय राष्ट्रीय उद्यान
|
सीधी
|
1983
|
10.
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डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान
|
धार
|
2011
|
11.
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ओंकेश्वर राष्ट्रीय उद्यान (प्रस्तावित)
|
खंडवा
|
-
|
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