संघ की न्यायपालिका

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न्यायपालिका - सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय

भारतीय न्यायपालिका से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य -

  • सर्वोच्च न्यायालय - भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 124 से 147 तक उच्चतम न्यायालय के गठन शक्तियों आदि के बारे में बताया गया है।
  • भारत में एकीकृत न्याय व्यवस्था की स्थापना की गई है जिसमें सबसे ऊपर सर्वोच्च न्यायालय तथा उसके अधीन कई उच्च न्यायालय हैं। एक उच्च न्यायालय के अधीन अधीनस्थ न्यायालय भी विद्यमान है।


सर्वोच्च न्यायालय का गठन - 

  • अनुच्छेद 124 के तहत सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना का प्रावधान है। सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश होते  थे।
  • नोट -  उच्चतम न्यायालय संशोधन अधिनियम 2019 के द्वारा अन्य न्यायाधीशों की संख्या 30 से बढ़ाकर  33 कर दी गई है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति -

  • उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है जबकि अन्य न्यायाधीशों के मामले में मुख्य न्यायाधीश से सलाह के बाद राष्ट्रपति उनकी नियुक्ति करता है

कार्यकाल - 

  • सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है हालांकि अवकाश ग्रहण करने हेतु अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष है।

योग्यताएं - 

  • भारत का नागरिक  हो।
  • वह किसी उच्च न्यायालय में दो दो से अधिक उच्च न्यायालयों में न्यूनतम 5 वर्ष तक न्यायधीश रहा हो।
  • किसी एक या अधिक उच्च न्यायालयों में न्यूनतम 10 वर्षों तक अधिवक्ता रहा हो।
  • राष्ट्रपति की राय में पारंगत विधि वेता हो।

शपथ - 

  • राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है।

पद मुक्ति -

  • उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को साबित कदाचार और असमर्थता के आधार पर संसद के दोनों सदनों के कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित आवेदन के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।


सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार

सर्वोच्च न्यायालय के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार में निम्नलिखित विवाद आते हैं।

  • संघ तथा एक या अधिक राज्यों के बीच का विवाद।
  • दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य का विवाद।

अपीलीय क्षेत्राधिकार सर्वोच्च न्यायालय देश का सबसे बड़ा अपीलीय न्यायालय है यह निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ सुनवाई कर सकता है।

  • परामर्श दात्री क्षेत्राधिकार - अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक महत्व के विषयों पर उच्चतम न्यायालय से सलाह ले सकता है हालांकि इस सलाह के लिए वह बाध्य नहीं है।
  • पुनर्विचार संबंधी क्षेत्राधिकार - अनुच्छेद 137 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को अधिकार प्राप्त है कि वह स्वयं के निर्णय पर पुनर्विचार कर सकता है।
  • अभिलेख न्यायालय - अनुच्छेद 129 के तहत उच्चतम न्यायालय को अभिलेख न्यायालय माना गया है इसके फैसले सर्वकालिक अभिलेख और साक्ष्य के रूप में स्वीकार किए जाते हैं।
  • न्यायिक क्षेत्राधिकार - सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के मूल अधिकारों का संरक्षक भी माना जाता है अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय पांच प्रकार के रिट जारी कर सकता है यथा बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृक्षा और उत्प्रेषण।


सर्वोच्च न्यायालय से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य - 

  • भारत के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि करने की शक्ति निहित है - संसद में
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपना त्यागपत्र  देता है - राष्ट्रपति को
  • उच्च न्यायालय में सेवानिवृत्ति की आयु है - 65 वर्ष
  • सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है - न्यायालय के किसी सत्र के लिए न्यायाधीशों का कोरम नहीं होता तब सदस्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।
  • उच्चतम न्यायालय में संविधान के निर्वाचन से संबंधित मामले की सुनवाई करने के लिए न्यायाधीशों की संख्या कम से कम कितनी होनी चाहिए - 5
  • उच्चतम न्यायालय ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत प्रतिपादित किया था -  केशवानंद भारती वाद
  • अभिलेख न्यायालय माना जाता है - उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय को
  • पीआईएल है - पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन
  • किस अनुच्छेद के तहत यह कहा गया कि भारत के उच्चतम न्यायालय की संपूर्ण कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी - अनुच्छेद 348

ध्यान दीजिए -

  • न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को प्राप्त है।
  • भारत में सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश हीरालाल जे कानिया थे।
  • सर्वोच्च न्यायालय में पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीवी थी।
  • जब भारतीय न्यायिक पद्धति में लोकहित मुकदमा यानी पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन लाया गया तब भारत के मुख्य न्यायाधीश पीएन भगवती थे।


उच्च न्यायालय से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य -

  • संविधान के भाग 6 के अनुच्छेद 214 से 231 तक राज्यों के उच्च न्यायालयों के गठन क्षेत्राधिकार शक्तियों आदि के बारे में बताया गया है।
  • भारतीय संविधान द्वारा या प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा।

ध्यान दीजिए - 

  • संविधान संशोधन अधिनियम 1956 के द्वारा संसद को यह अधिकार दिया गया कि वह दो या दो से अधिक राज्यों तथा एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक संयुक्त उच्च न्यायालय को स्थापित कर सकता है।
  • अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा। संसद को यह शक्ति प्राप्त है कि वह दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना कर सकती है।
  • उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श के बाद की जाती है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संबंधित राज्य के राज्यपाल शपथ दिलाते हैं।
  • अनुच्छेद 215 के अनुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय होता है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देते हैं। उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत रिट जारी करता है।
  • 1862 ई. में सर्वप्रथम तत्कालीन कोलकाता मुंबई तथा मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना हुई थी।


अधीनस्थ न्यायालय से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य -  

  • संविधान के अनुच्छेद 233 में अधीनस्थ एवं जिला न्यायालयों का प्रावधान किया गया है।
  • जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्यपाल करता है जो व्यक्ति कम से कम 7 वर्ष तक किसी न्यायालय में लगातार अधिवक्ता रहा हो उसे जिला न्यायाधीश नियुक्त किया जा सकता है।
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