भारत पर मुस्लिम आक्रमण
हिंद (भारत) की जनता के संदर्भ में हिंदू शब्द का प्रथम बार प्रयोग किया था - अरबों ने I.A.S. (Pre) 1995
- ऋग्वेद में उल्लिखित भरत कबीले के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा।
- दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा है।
- ऋषभदेव के ज्येष्ठ पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा है।
- हिंद (भारत) की जनता के संदर्भ में हिन्दू शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अरबों द्वारा किया गया था।
- ईरानियों ने इस देश को हिंदुस्तान कहकर संबोधित किया है।
- यूनानियों ने इसे इंडिया कहा है।
भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमण किस वर्ष हुआ - 711 ई. में M.P.P.C.S. (Pre) 1995
- भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमण 711 ई. में अरब आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में हुआ था।
- मुहम्मद - बिन - कासिम से पूर्व 711 ई. में ही उबैदुल्लाह के नेतृत्व में एक अभियान दल भेजा गया, परंतु वह पराजित हुआ और मारा गया।
- दूसरा अभियान बुदैल ने किया लेकिन वह भी असफल रहा।
- इस परिस्थिति में इराक के हाकिम अल - हज्जाज ने मुहम्मद - बिन - कासिम के नेतृत्व में अरबों को सिंध पर आक्रमण करने के लिए भेजा।
- भारी संघर्ष के बाद अरबों ने 712 ई. में सिंध पर विजय प्राप्त कर ली।
- उस समय सिंध पर चच के पुत्र दाहिर का शासन था।
- फारसी ग्रंथ चचनामा से अरबों द्वारा सिंध विजय की जाकारी मिलती है।
भारत में प्रथम मुस्लिम आक्रमणकारी था - मुहम्मद बिन कासिम U.P. Lower Sub. (Pre) 2002
- डॉ. स्टैनले लेनपूल - सिंध को अरबों ने विजय तो किया, लेकिन यह विजय इतिहास और इस्लाम धर्म की घटना मात्र ही रही। यह एक प्रभाव रहित विजय थी। उनके इस अधूरे काम को तुर्को ने पूरा किया।
भारत पर सर्वप्रथम मुस्लिम आक्रमणकारी थे - अरब के U.P. Lower Sub. (Pre) 2015
- भारत पर सर्वप्रथम अरबी मुसलमानों का आक्रमण 636 ई. में हुआ था।
- यह आक्रमण खलीफा उमर के समय में बंबई के निकट थाणे पर हुआ लेकिन यह आक्रमण असफल रहा।
- भारत पर पहला सफल आक्रमण 712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम द्वारा किया गया।
- खलीफा अल वाजिद के शासनकाल में यह आक्रमण हुआ था।
- कासिम के आक्रमण के समय सिंध का शासक दाहिर था।
- इसने सिंध (712) तथा मुल्तान (712) को जीता।
मुहम्मद बिन कासिम था - अरबी U.P.P.C.S (Pre) 1992
- मुहम्मद बिन कासिम एक अरबी था।
- वह इराक के राजा अल - हज्जाज का भतीजा और दामाद दोनों था।
- जिस समय उसने सिंध पर आक्रमण किया उसकी आयु मात्र 17 वर्ष थी।
मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध की विजय कब हुई - 712 ई. में U.P.P.C.S (Pre) 1992
गजनी राजवंश का संस्थापक कौन था - अल्पतगीनअल्पतगीन U.P. Lower Sub. (Pre) 2015
- गजनी वंश का संस्थापक अल्पतगीन था।
- गजनी वंश का अन्य नाम यामिनी वंश भी है।
- अल्पतगीन ने गजनी को अपनी राजधानी बनाया।
- इस समय उत्तर - पश्चिम भारत में हिंदूशाही राजवंश का राज्य था जिसका विस्तार हिंदुकुश पर्वतमाला तक था।
महमूद गजनवी का दरबारी इतिहासकार कौन था - उत्बी U.P.P.C.S (Pre) 1991
- महमूद गजनवी शिक्षित एवं सुसभ्य था। वह विद्वानों एवं कलाकारों का सम्मान करता था।
- उसने अपने समय के महान विद्वानों को गजनी में एकत्रित किया था।
- उसका दरबारी इतिहासकार उत्बी था।
- उसने किताब - उल - यामिनी और तारीख - ए - यामिनी नामक ग्रंथों की रचना की।
- इसके अतिरिक्त उसके दरबार में दर्शन ज्योतिष और संस्कृत का उच्चकोटि का विद्वान अलबरुनी था।
- तारीख - ए - सुबुक्तगीन का लेखक बैहाकी था। जिसे इतिहासकार लेनपूल ने पूर्वी पेप्स की उपाधि दी थी।
- शाहनामा के लेखक फिरदौसी थे।
शाहनामा का लेखक कौन था - फिरदौसी M.P.P.C.S. (Pre) 2015
- शाहनामा के लेखक फिरदौसी है और यह महमूद गजनवी के दरबार का प्रसिद्ध विद्वान कवि था।
- इसे पूर्व के होमर की उपाधि दी जाती है।
महमूद गजनी के साथ भारत आने वाला प्रसिद्ध इतिहासकार कौन था - अलबरुनी P.C.S. (Pre) 2010
- महमूद गजनी के साथ प्रसिद्ध इतिहासकार अलबरुनी 11 वीं सदी में भारत आया था।
- उसकी पुस्तक किताब - उल - हिंद से तत्कालीन भारत की सामाजिक - सांस्कृतिक स्थिति की जानकारी मिलती है।
पुराणों का अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान था - अलबरुनी U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2002
- पुराणों की अध्ययन करने वाला प्रथम मुसलमान अलबरुनी था।
- उसका जन्म 973 ई. में हुआ था।
- वह महमूद गजनी के साथ भारत आया था।
- उसने जगह - जगह भगवदगीता, विष्णु पुराण तथा वायु पुराण को उद्घृत किया है।
- अलबरुनी ने अरबी भाषा में तहकीक - ए - हिन्द की रचना की थी।
- सर्वप्रथम साचाऊ ने अरबी भाषा से इस ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया।
- इसका अनुवाद हिन्दी में रजनीकांत शर्मा द्वारा किया गया।
किसने एक तरफ संस्कृत मुद्रालेख के साथ चांदी के सिक्के निर्गत किए - महमूद गजनवी U.P.P.C.S (Pre) 2000
- चांदी के इस सिक्के (दिरहम) का वजन 3.0 ग्राम था।
- एक तरफ अरबी भाषा और दूसरी तरफ संस्कृत भाषा (देवनागरी लिपि) में था।
मुहम्मद गोरी को सबसे पहले किसने पराजित किया - भीम द्वितीय U.P.P.C.S (Pre) 1990
- 1178 ई. में मुहम्मद गोरी ने गुजरात पर आक्रमण किया लेकिन मूलराज द्वितीय या भीम द्वितीय ने अपनी योग्य एवं साहसी विधवा मां नायिका देवी के नेतृत्व में आबू पर्वत के निकट गोरी का मुकाबला किया और उसे परास्त कर दिया।
- यह गोरी की भारत में पहली पराजय थी।
मुहम्मद गोरी ने जयचंद को किस युद्ध में पराजित किया था - चंदावर का युद्ध (1194 ई.) U.P.P.C.S (Pre) 2008
- 1194 ई. में चंदावर के युद्ध में मुहम्मद गोरी ने कन्नौज के गहड़वाल राजा जयचंद को पराजित किया था।
- चंदावर, वर्तमान फिरोजाबाद जिले में यमुना तट पर स्थित है।
किस मुस्लिम शासक के सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति बनी है - मुहम्मद गोरी U.P.P.C.S (Pre) 1995
- मुहम्मद गोरी के सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति बनी है और दूसरे तरफ कलमा (अरबी में) खुदा हुआ है।
मुहम्मद गोरी के किस दास ने बंगाल एवं बिहार पर विजय प्राप्त की - बख्तियार खिलजी U.P.P.C.S (Pre) 1991
- बिहार और उत्तरी बंगाल की विजय के बारे में गोरी अथवा ऐबक ने सोचा भी न था।
- इस कार्य को गोरी के एक साधारण दास इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने किया।
- उसने 1202 ई. तक बिहार की विजय की तथा नालंदा एवं विक्रमशिला को तहस - नहस कर राजधानी उदन्तपुर पर कब्जा कर लिया।
- उसने 1204 - 05 ई. में बंगाल पर आक्रमण किया।
- उस समय वहाँ का शासक लक्ष्मणसेन था।
- लक्ष्मणसेन - बंगाल के अंतिम सेन शासक लक्ष्मणसेन थे।
- लक्ष्मणसेन बिना युद्ध किए ही वहाँ से भाग निकलें।
- तुर्की सेना ने राजधानी नदिया में प्रवेश कर बुरी तरह लूट-पाट की।
- राजा की अनुपस्थिति में नगर ने आत्मसमर्पण कर दिया।
- लक्ष्मणसेन ने भाग कर दक्षिण बंगाल में शरण ली और वहीं कुछ समय तक शासन करता रहा।
- इख्तियारुद्दीन ने भी संपूर्ण बंगाल को जीतने का प्रयत्न नहीं किया।
- इख्तियारुद्दीन ने लखनौती को अपनी राजधानी बनाया।
Show less