जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी(MPPCS, RAS, UPPCS, IAS)
जो पहले कभी न हुआ हो – अभूतपूर्व(IAS, RAS)
जो शोक करने योग्य न हो – अशोक(UPPCS)
जिसकी गहराई या थाह का पता न लग सके – अथाह, अगाध(RAS, UPPCS)
जो क्षीण न हो सके – अक्षय(RO)
जो खाने योग्य ने हो –अखाद्य(UPPCS)
धरती (पृथ्वी) और आकाश के बीच का स्थान – अंतरिक्ष(UPPCS)
जो चिन्ता के योग्य न हो – अचिन्त्य, अचिन्तनीय(RAS)
जो इन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर, अतीन्द्रीय(IAS)
जो वस्तु किसी दूसरे के पास रखी हो – अमानत(UPPCS)
जो बीत चुका हो – अतीत(IAS)
जो दिखायी न पड़े – अदृश्य, अप्रत्यक्ष(UPPCS, IAS)
जो सदा से चला आ रहा है – अनवरत(IAS)
जो कभी नहीं मरता – अमर्त्य, अमर(APO, RAS, IAS)
जो आगे (दूर) की न सोचता हो – अदूरदर्शी(Upper Sub.)
जो आगे (दूर) की सोंचता हो – अग्रसोची, दूरदर्शी(UPPCS)
जिसका कोई अर्थ न हो – अर्थहीन(UPPCS)
जिस पर आक्रमण न किया गया हो – अनाक्रांत(UPPCS)
जिसे जीता न जा सके – अजेय(UPPCS, Upper Sub., RO)
बिना वेतन काम करने वाला – अवैतनिक(UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
जिसका जन्म पहले हुआ हो (बड़ा भाई) –अग्रज(RAS)
दोपहर के बाद का समय – अपराह्न(IAS, Upper Sub., UPPCS)
जो पराजित न किया जा सके – अपराजेय(UKPCS)
अधिक बढ़ा-चढ़ा कर कहना – अतिशयोक्ति, अतियुक्ति(Ed.)
जिसका परिहार (त्याग) न हो सके/जिसको छोड़ा न जा सके – अपरिहार्य(UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
जो कानून के प्रतिकूल हो/जो विधि के विरुद्ध हो – अवैध, अविधिक(UPPCS, IAS)
जो समय पर न हो – असामयिक(UPPCS)
जो अवश्य होने वाला हो – अवश्यम्भावी(APO, UPPCS)
जिसका विवाह न हुआ हो – अविवाहित(IAS)
जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी(MPPCS)
जिसका इलाज न हो सके – असाध्य(RO)
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता – अनुदान(UKPCS)
व्यर्थ/अनुचित खर्च करने वाला – अपव्ययी(RAS, UPPCS)
जिसकी पहले से कोई आशा न हो – अप्रत्याशित(UPPCS, APO)
पुरुष जो अभिनय करता हो – अभिनेता(MPPSC)
जो भेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य(Low Sub.)
जिसका जन्म छोटी जाति (निचले वर्ण) में हुआ हो – अंत्यज(RO)
जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो –अद्यःप्रसूत(UPPCS)
जिसको क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य(Low Sub.)
जो न जाना जा सके – अज्ञेय(Upper Sub., UPPCS)
जो कुछ न जानता हो – अज्ञ, अज्ञानी(UPPCS, B.Ed.)
कम बोलने वाला – अल्पभाषी, मितभाषी(Low Sub., APO, UPPCS, RAS,)
थोड़ा जानने वाला – अल्पज्ञ(RAS, MPPCS)
जिसका कभी अन्त न हो – अनन्त(UPPCS, B.Ed.)
जिसका माँ-बाप न हो – अनाथ(IAS, UPPCS)
जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय(RAS, IAS, UPPCS)
जिस पर मुकद्दमा चल रहा हो/ जिस पर अभियोग लगाया गया हो – अभियुक्त, अभियोगी(UPPCS, APO, IAS)
जिसकी कोई सीमा न हो –असीम(IAS, UPPCS)
जिसके आने की कोई तिथि न हो – अतिथि(IAS, UPPCS)
जिसे भुलाया न जा सके – अविस्मृति(IAS)
जिसकी उपमा न हो – अनुपम, अनुपमा(UPPCS, IAS)
जिसे बुलाया न गया हो/जो बिना बुलाये आया हो –अनाहूत(IAS, UPPCS)
जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके/जिसे वाणी व्यक्त न कर सके – अनिर्वचनीय, अवर्णनीय(IAS, UPPCS)
जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सके – अकथनीय(UPPCS)
जिसका निवारण न हो सकता हो –असाध्य(UPPCS, B.Ed.)
जो अनुकरण करने योग्य हो – अनुकरणीय(APO)
किसी के पीछे-पीछे चलने वाला/जो पीछे चलता हो – अनुचर, अनुगामी, अनुयायी(IAS, Ed.)
जिस पर अनुग्रह किया गया हो – अनुगृहीत(UPPCS, B.Ed.)
जो हिसाब किताब की जाँच करता हो – अंकेक्षक(MPPCS)
रूप के अनुसार – अनुरूप(UPPCS)
सोच-समझकर कार्य न करने वाला – अविवेकी(UPPCS, RAS)
जो पहले कभी घटित न हुआ हो – अघटित(IAS)
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो – अपरिभाषित(IAS, Ed.)
विकृत शब्द/बिगड़ा हुआ शब्द – अपभ्रंश(UPPCS)
जो विश्वास करने योग्य (लायक) न हो – अविश्वासनीय(Low Sub.)
जिसका किसी भी प्रकार उल्लंघन नहीं किया जा सके – अनुलंघनीय(Low Sub.)
जो अभी तक न आया हो – अनागत(IAS, Ed.)
मूल्य घटाने की क्रिया – अवमूल्यन(IAS, Ed.)
अधिकार या कब्जे में आया हुआ – अधिकृत(UKPCS)
जो पहले कभी नहीं सुना गया – अनुश्रुत(Low Sub.)
जिसका जन्म अण्डे से हो – अण्डज(APO, B.Ed.)
गुरु के समीप या साथ रहने वाला विद्यार्थी – अन्तेवासी(UPPCS, B.Ed.)
जो व्यय न किया जा सके – अव्यय(Low Sub.)
जिसका उत्तर न दिया गया हो – अनुत्तरित(Low Sub., UPPCS)
जो बदला न जा सके – अपरिवर्तनीय(Low Sub.)
जो इधर-उधर से घूमता-फिरता आ जाए – आगन्तुक(UPPCS, IAS)
जो आदर करने योग्य हो – आदरणीय(IAS)
आशा से अधिक/जिसकी आशा न की गई हो – आशातीत(Upper Sub., Low Sub.)
आलोचना करने वाला – आलोचक(Upper Sub.)
आदि से अन्त तक – आद्योपान्त, आद्यन्त(UPPCS, IAS)
जो अपने पैरों पर खड़ा हो – आत्म-निर्भर(UPPCS)
आभार मानने वाला – आभारी(RAS, UPPCS)
जो किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण-दोष की आलोचना करता हो – आलोचक(Upper Sub.)
वह कवि जो तत्काल/तत्क्षण कविता कर डालता हो – आशुकवि(UKPCS, UPPCS)
जो स्वयं का मत मानने वाला हो – आत्मभिमत(UPPCS)
जो ईश्वर को मानता हो –आस्तिक(MPPCS, Low Sub., UPPCS, BPSC, UKPCS)
अतिथि की सेवा करने वाला – आतिथेयी(UKPCS)
भगवान के सहारे अनिश्चित आय – आकाशवृत्ति(UKPCS)
जो परम्परा से सुना हुआ हो – आनुश्राविक(UKPCS)
जो इन्द्रियों को वश में कर ले – इन्द्रिय-निग्रहवान(Upper Sub.)