वैदिक काल

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वैदिक काल - ऋगुवैदिक काल एवं उत्तर वैदिक काल

सबसे पुराना वेद कौन सा है - ऋग्वेद        U.P.P.C.S.(Pre) 1995/P.C.S.(Pre) 2010/U.D.A./L.D.A.(Pre) 2007

  • भारतीय साहित्य में वेद सर्वाधिक प्राचीन है।
  • ये चार हैं - ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

त्रयी नाम है - तीन वेदों का        U.P.P.C.S.(GIC) 2010

  • ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद को वेदत्रयी या त्रयी कहा जाता है।
  • इसमें अथर्ववेद नहीं शामिल है क्यूँ कि उसमें जादू-टोना है।

अथर्ववेद किससे संबंधित है - औषधियों से संबंधित        M.P.P.C.S.(Pre) 1999                    

  • ऋग्वेद में देवताओं की स्तुति, ईश्वर महिमा
  • यजुर्वेद में कर्मकांड (बलिदान विधि)
  • सामवेद में संगीत का विस्तृत उल्लेख है।

किस वैदिक ग्रंथ में वर्ण शब्द का सर्वप्रथम नामोल्लेख मिलता है - ऋग्वेद        P.C.S. (Pre) 2012

  • ऋग्वेद में कुल 10 मंडल है।
  • 10 वें मंडल में वर्ण व्यवस्था के बारे में है।
  • 10 वें मंडल में पुरुष सुक्ति के बारे में है।
  • वर्ण - ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य का उल्लेख।
  • पुरुष सुक्ति - सर्वप्रथम शुद्रों का उल्लेख।

ऋग्वेद का कौन सा मण्डल पूर्णतः सोम को समर्पित है - नौवा मंडल        B.P.C.S.(Pre) 1997 

  • नौंवें मण्डल अंगिरा - सोम का वर्णन।
  • नौंवें मण्डल के सभी 114 मंत्र सोम को समर्पित है।
  • सोम - वनस्पतियों का देवता।

यज्ञ संबंधी विधि - विधानों का पता चलता है - यजुर्वेद से        R.A.S./R.T.S.(Pre) 1999

  • यजुर्वेद के दो भाग है - शुक्ल यजुर्वेद, कृष्ण यजुर्वेद
  • शुक्ल यजुर्वेद - केवल पद्य में है।
  • कृष्ण यजुर्वेद - पद्य और गद्य दोनों में है।
  • यजुर्वेद का अंतिम भाग ईशोपनिषद है।

किसका संकलन ऋग्वेद पर आधारित है - सामवेद        U.P.P.C.S.(Pre) 1997

  • सामवेद में कुल 1810 छंद है।
  • जिनमें से 75 को छोड़कर शेष सभी ऋग्वेद में भी उपलब्ध हैं।
  • इसीलिए कहा जाता है कि सामवेद का संकलन ऋग्वेद पर आधारित है।
  • सामवेद की तीन मुख्य शाखाएं है -
  • (1) कौमुथीय (2) राणायनीय (3) जैमिनीय

उपनिषद किस पर आधारित पुस्तकें है - दर्शन पर        U.P.P.C.S.(Pre) 2002/U.P.P.C.S.(Mains) 2004

  • उपनिषद दर्शन पर आधारित पुस्तके है।
  • भारतीय दर्शन का मुख्य आधार तथा वैदिक साहित्य का अंतिम वर्ग उपनिषद है।
  • इन्हें वेंदात भी कहा जाता है।
  • उपनिषद का अर्थ - गुरु के समीप बैठना।
  • उपनिषद - 108 - मुख्य उपनिषद 12 है।

किस एक वैदिक साहित्य में मोक्ष की चर्चा मिलती है - उपनिषद        U.P.P.C.S.(Mains) 2003

  • यह शब्द श्वेताश्वर उपनिषद में पहली बार आया है।
  • मोक्ष का अर्थ - यथा - विमुच्य, मुच्यते, मुक्ति, अमृत, अमृतत्व

नचिकेता आख्यान का उल्लेख मिलता है - कठोपनिषद में        U.P.P.C.S.(Mains) 2006

  • कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद उल्लिखित है।
  • जिसमें आचार्य यम ने नचिकेता को उपदेश दिया है - न इस आत्मा का कभी जन्म होता है और न इसकी कभी मृत्यु होती है। यह अजन्मा, नित्य तथा शाश्वत है।
  • कठोपनिषद कृष्ण यजुर्वेद का उपनिषद है।

उपनिषद काल के राजा अश्वपति के शासक थे - केकय के        U.P.P.C.S.(Pre) 1999

  • उपनिषदों में कुछ क्षत्रिय राजाओं के उल्लेख प्राप्त होते हैं, जो विद्वान दार्शनिक थे और जिन्होनें ब्राह्मणों को भी ज्ञान दिया था।
  • इन राजाओं मे - विदेह के राजा जनक, पांचाल के राजा प्रवाहणजाबलि, केकय के राजा अश्वपति और काशी के राजा अजातशत्रु प्रमुख थे।

वह ब्रह्मवादिनी थी जिसने कुछ वेद मंत्रों की रचना की थी - लोपामुद्रा        I.A.S.(Pre) 1995

  • वैदिक साहित्य में कई ऐसी विदुषी स्त्रियों का उल्लेख मिलता है, जिन्होंने वेद मंत्रों की रचना की थी।
  • Ex. - अपाला, घोषा, विश्वारा, लोपामुद्रा आदि।
  • लोपा मुद्रा अगस्त्य ऋषि की पत्नी थी।

प्राचीन भारत में निशाका से जाने जाते थे - स्वर्ण आभूषण        U.P.P.C.S.(Pre) 2005

  • बौद्ध जातक में तीन प्रकार के स्वर्ण सिक्कों का उल्लेख मिलता है।
  • (1) निशाका (2) सुवर्ण (3) मशाका
  • मशाका मूल्य की दृष्टि में सबसे निम्न मुद्रा थी।
  • निशाका मूल्य की दृष्टि में सबसे उच्च मुद्रा थी।
  • वैदिक काल में स्वर्ण आभूषणों को निष्क अथवा निशाका कहा जाता था।

जिस ग्रंथ में पुरुष मेध का उल्लेख हुआ है - शतपथ ब्राह्मण        U.P.P.C.S.(Spl) (Pre) 2008 

  • शतपथ ब्राह्मण यजुर्वेद का ब्राह्मण है।
  • पुरुष मेध का उल्लेख शतपथ ब्राह्मण में ही हुआ है।

किस नदी को ऋग्वेद में मातेतमा से संबोधित किया गया है - सरस्वती        U.P.P.C.S.(Spl) (Mains) 2008

  • ऋग्वेद में सर्वाधिक पवित्र एवं सम्मानित नदी सरस्वती है।
  • ऋग्वेद में सरस्वती को मातेतमा, देवीतमा, नदीतमा, कहा गया है। अर्थात सबसे अच्छी माँ, सबसे अच्छी देवी, सबसे अच्छी नदी।

वैदिक नदी परुष्णी का आधुनिक नाम क्या है - रावी        U.P.P.C.S.(Pre) 2012

वैदिक  नदियां            -                        आधुनिक नाम

परुष्णी                        -                            रावी

वितस्ता                        -                            झेलम

विपाशा                        -                            व्यास

अस्किनी                       -                            चिनाब

हिरण्यनी                      -                             सिंधु

नदीत्मा                        -                             सरस्वती

कुंभा                            -                            काबुल

सदानीरा                       -                            गंडक

दृषद्वती                         -                            घग्घर

शतुद्रि                           -                           सतलज

गोमती                          -                            गोमल

क्रुमु                             -                            कुर्रम

सुवस्तु                          -                            स्वात

उस जनजाति का नाम बतलाइए जो ऋग्वैदिक आर्यो के पंचजन से संबंधित है - पुरु        U.P.P.C.S.(Mains) 2009 

  • ऋग्वैदिक आर्यो के पंचजनों में यदु, दुह्यु, पुरु, अनु, तुर्वसु शामिल थे।

प्राचीन काल में आर्यो के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन क्या था - शिकार        U.P.P.C.S.(Pre) 1993

  • प्रारंभ में आर्य खानाबदोश एवं शिकारी थे।
  • प्रायः अस्थायी जीवन जीते थे।
  • इनके जीवन में कृषि का महत्व नगण्य था।
  • उत्तरवैदिक काल में ही आर्यो के स्थायी आवास का साक्ष्य मिलता है।

ऋग्वेद में उल्लिखित यव शब्द किस कृषि उत्पाद हेतु प्रयुक्त किया गया है - जौ        U.P.P.C.S.(Spl) (Mains) 2008

वैदिक युग में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली थी - वंश परंपरागत राजतंत्र        R.A,S/R.T.S.(Pre) 1993 

किस वेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियां कहा गया है - अथर्ववेद        U.P.P.C.S.(Mains) 2009

  • अथर्ववेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियां कहा गया है।

आयुर्वेद अर्थात जीवन का विज्ञान का उल्लेख सर्वप्रथम किस वेद में मिलता है - अथर्ववेद        U.P.P.S.C.(Pre) 1994

  • अथर्ववेद में सामान्य मनुष्यों के विचारों तथा अंधविश्वासों का विवरण मिलता है।

ऋग्वैदिक धर्म था - बहुदेववादी        U.P.P.C.S.(Mains) 2014

  • वैदिक साहित्य में ऋग्वेद प्राचीनतम ग्रंथ है।
  • जिसमें हमें सर्वप्रथम बहुदेववाद के दर्शन होते है।
  • आर्य विभिन्न देवताओं के अस्तित्व में विश्वास करते थे।
  • उनके अधिकांश देवता प्रकृति की विविध शक्तियों के प्रतीक हैं।
  • मुख्य रुप से वैदिक देवताओं के तीन वर्ग है -
  • (1) आकाश के देवता - वरुण, मित्र, सूर्य, विष्णु आदि।
  • (2) अंतरिक्ष के देवता - इन्द्र, मारुत, वायु आदि।
  • (3) पृथ्वी के देवता - अग्नि, सोम आदि।

सर्वाधिक ऋग्वैदिक सूक्त समर्पित है - इंद्र को        U.P.P.C.S.(Mains) 2002

  • ऋग्वेद में इंद्र का वर्णन सर्वाधिक प्रतापी देवता के रुप में किया जाता है।
  • इंद्र को 250 सूक्त समर्पित है, यह ऋग्वैदिक काल में सर्वाधिक लोक प्रिय देवता थे।
  • इंद्र को आर्यो का युद्ध नेता तथा वर्षा, आंधी, तूफान का देवता माना जाता है।
  • ऋग्वेद में अग्नि को 200 सूक्त समर्पित है और वह इस काल का दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण देवता है।
  • तीसरा स्थान वरुण का है जो समुद्र का देवता एवं ऋतु का देवता माना जाता है।
  • ईरान में वरुण को अहुरमज्दा के नाम से जाना जाता है।
  • यूनान में वरुण को ओरनोज के नाम से जाना जाता है।

800 से 600 ईसा पूर्व का काल किस युग से जुड़ा है - ब्राह्मण युग        U.P.P.C.S.(Pre) 2002

  • 800 से 600 ईसा पूर्व का काल ब्राह्मण युग से जुड़ा है।
  • प्रायः सातवीं या छठी शताब्दी ई.पू. से लेकर तीसरी शताब्दी ई.पू. तक का समय सूत्र काल कहा जाता है।

गायत्री मंत्र किस पुस्तक में मिलता है - ऋग्वेद        B.P.C.S.(Pre) 1994

  • गायत्री मंत्र ऋग्वेद में उल्लिखित है।
  • इसके रचनाकार विश्वमित्र है।
  • यह सूर्य देवता को समर्पित है
  • यह मंत्र ऋग्वेद के तृतीय मंडल में वर्णित है।

पुराणों की संख्या कितनी है - 18        U.P.P.C.S.(GIC) 2010/U.P.P.C.S.(Pre) 2009

  • (1)मत्स्य    (2) मार्कंडेय    (3) भविष्य    (4) भागवत    (5) ब्रह्मांड    (6) ब्रैह्मावैवर्त    (7) ब्रह्मा    (8) वामन    (9) वाराह    (10) विष्णु    (11) वायु    (12) अग्नि    (13) नारद    (14) पद्म    (15) लिंग    (16) गरुण    (17) कूर्म    (18) स्कंद पुराण
  • इनकी रचना लोमहर्ष ऋषि तथा उनके पुत्र उग्रश्रवा द्वारा की गई थी।

श्रीमदभागवदगीता मौलिक रुप में किस भाषा में लिखी गई थी - संस्कृत        U.D.A./L.D.A.(Pre) 2007

  • यह प्राचीन धार्मिक ग्रंथ महाभारत का एक भाग है।

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन हेतु किस सर्प ने रस्सी के रुप में स्वयं को प्रस्तुत किया - वासुकी        U.D.A./L.D.A.(Pre) 2007        

  • समुद्र मंथन हेतु मथानी के रुप में मंद्राचल पर्वत तथा रस्सी के रुप में सर्पो के राजा वासुकी का प्रयोग किया गया था।
  • इसमें विष्णु ने कूर्मावतार धारण कर मंद्राचल पर्वत को अपने ऊपर रखा था।

ऋग्वेद की मूल लिपि थी - ब्राह्मी        U.P.P.C.S.(Spl) (Pre) 2004        

  • ऋग्वेद में कुल 10 मंडल है।
  • 1028 मंत्र है।
  • ऐतरेय तथा कौषीतकी ऋग्वेद के दो ब्राह्मण ग्रंथ है।
  • पंतजलि के अनुसार ऋग्वेद की 21 शाखाएं है।
  • ऋग्वेद के पुरोहित को होतृ कहा जाता है।
  • दूसरा और सांतवा मंडल सबसे प्राचीन माना जाता है - इसे वंश मंडल भी कहा जाता है।

वैदिक काल में किस जानवर को अघन्या माना गया है - गाय        U.P.P.C.S.(Pre) 2008

  • गाय की हत्या अथवा उसे घायल करने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड तथा देश निकाला की व्यवस्था वेदों में दी गई है।

सत्यमेव जयते शब्द किस उपनिषद से लिए गए है - मुंडक उपनिषद        U.P.P.C.S.(Spl) (Pre) 2004/U.P.P.C.S.(Mains) 2004         

  • यह भारत के राजचिन्ह पर भी अंकित है।
  • भारत का राजचिन्ह मौर्य सम्राट अशोक महान द्वारा सारनाथ में स्थापित सिंह स्तम्भ से लिया गया है।
  • भारत सरकार द्वारा यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया गया।
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वैदिक काल - 01
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
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वैदिक काल - 02
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  • language Hin & Eng.
वैदिक काल - 03
  • Question 20
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वैदिक काल - 04
  • Question 20
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वैदिक काल - 05
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वैदिक काल - 06
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वैदिक काल - 07
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वैदिक काल - 08
  • Question 20
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वैदिक काल
  • Question 51
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