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Electromagnetic Bomb | जिन्दा मनुष्य को भेज देगा पाषाण काल में | Study91 Nitin Sir Viral Videos

🔴 ये है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार ?
⚫ भूल जाएं परमाणु बम, ये बम मरने पर मजबूर कर देगा,
🔵 सपनों को छीनने वाला बम, इंसान छोड़कर सब ख़त्म, 
🟠 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम क्या है, जिससे ईरान को सीधे पाषाण युग में भेज सकता है,
🟡 What is e-bomb (electromagnetic bomb)?
🟢 कितना खतरनाक है यह बम ?
🟣 परमाणु बम से भी खतरनाक, What Is E-Bomb? Does India Have An E-Bomb 
⚪ Iran पर Electromagnetic Bomb से हमले की तैयारी कर रहा Israel, दे डाली धमकी ! 

इलैक्ट्रोमैग्नेटिक बम क्या है »

  • आपने हाइड्रोजन बम और परमाणु बम का नाम सुना होगा।

  • किन्तु इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम का नाम हम सभी के लिए नया है।

क्या है इलैक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स ?

  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से निकलने वाली तरंगें, ऊर्जा या फिर रेडियेशन है जो कि पास में मौजूद दूसरी किसी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।

  • जैसे टीवी ऑन हो और उसके करीब फोन रखा हो और कॉल आए तो टीवी में जो डिस्टर्बेंस महसूस होता है वो फोन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के चलते ही होता है. रेडियो-टीवी और स्मार्टफोन सभी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के जरिये ऑपरेट होते हैं.

EMP हथियार »

  • हर इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स निकलती हैं जो किसी दूसरी डिवाइस को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।

  • दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ही इनका इस्तेमाल करके हथियार बनाने की रिसर्च कर काम होना शुरू हो गया था।

  • मोबाइल जैमर भी EMP तकनीक पर ही काम करते हैं।

  • कोल्ड वार के दौरान अमेरिकी सेना ने EMP पर काम करने वाली गन बनाने की कई असफल कोशिशें कीं। कई तरह की EMP गन्स बनाई जा चुकी हैं लेकिन वज़न इनमें सबसे बड़ी समस्या रही है। 

  • हालांकि रेल गन EMP पर काम करने वाला सबसे सफल हथियार है। फ़िलहाल इटली और नीदरलैंड इस तरह के हथियारों को विकसित करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

न्यूक्लियर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स क्या है ?

  • असल में दुनिया को EMP हथियारों से उतना खतरा नहीं है जितना कि न्यूक्लियर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स से है। अगर एक ख़ास तरीके से परमाणु बम को ब्लास्ट कराया जाए तो वो सामान्य हीट वेव और रेडियेशन से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

  • साल 1925 में अमेरिकी फिजिसिस्ट आर्थर एच कॉम्प्टन ने बताया कि न्यूक्लियर ब्लास्ट के दौरान भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स निकलती हैं जो कि सामान्य से ज्यादा प्रभावी होती हैं।

ये कैसे ब्लॉस्ट होता है ?

  • कॉम्प्टन इफेक्ट थियरी के मुताबिक अगर न्यूक्लियर बम को ज़मीन से 20 किलोमीटर या उससे ज्यादा ऊपर ब्लास्ट कराया जाए तो इससे 3 लेयर्स में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स निकलती हैं जो कि प्रभावित होने वाले दायरे में मौजूद हर इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को तबाह कर देती है। क्योंकि ब्लास्ट ज़मीन पर नहीं होता इसलिए हीट वेव भी हवा में ही क्रियेट होती है और इसके असर का दायरा पहले के मुकाबले 5 गुना ज्यादा हो जाता है।

क्या होगा इस हमले से ?

  • दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर बम Tsar का वज़न 50 मीट्रिक टन है. एक अनुमान के मुताबिक अगर इसे EMP हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा तो इसका असर कम से कम दो महाद्वीपों तक दिखाई देगा।

  • जहां तक इसकी पहुंच होगी वहां मौजूद इलेक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे कार, हवाईजाहज, फोन, कंप्यूटर, फ्रिज, टीवी और यहां तक कि सारे बिजलीघर भी तहस-नहस हो जाएंगे। ऐसे में जवाबी हमले या बचाव कार्य तक के लिए कुछ भी कर पाना लगभग नामुमकिन होगा।

इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन ?

  • रेलगन मौजूदा तोपों से अलग है क्योंकि तोपों में बारूद भरा जाता है, वहीं रेलगन से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पावर की वजह से गोले निकलते हैं। 

  • इसमें मैगनेटिक पावर और इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जाता है। दुनियाभर में युद्ध की संभवानों को देखते हुए जापान अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है।

किस स्पीड से कर सकता है फायर ?

  • रेलगन एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार है जो जहाजों, मिसाइलों और विमानों जैसे लक्ष्यों पर लगभग 6.5 मैक की स्पीड से फायर कर सकता है। इस रेलगन के बैरल की लंबाई 6 मीटर और वजन 8 टन है।



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