जमीन में 700 किमी. नीचे मिला नया महासागर | क्या अफ्रीका टूट रहा है | Nitin Sir Study91
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जमीन में 700 किमी. नीचे मिला नया महासागर | क्या अफ्रीका टूट रहा है | Nitin Sir Study91
🔴 धरती के 700 किलोमीटर नीचे मिला नया महासागर,
⚫कहां से टूट रहा है अफ्रीका, देखिए इस नक्शे में,
🔵 टूट जाएगा अफ्रीका, 18 साल में पड़ी 56 किमी लंबी दरार,
🟠 धरती के अंदर छुपा है महासागर, वैज्ञानिक हैरान,
🟡 पृथ्वी के नीचे विशाल समंदर की खोज,
🟢 पृथ्वी पर सतह से तीन गुना अधिक भूमिगत 'महासागर' हो सकता है,
🟣 दो हिस्सों में बंट सकता है अफ्रीका,
⚪ टूट रहा है पूर्वी अफ्रीका, बदल जायेगा दुनिया का नक्शा,
जमीन में 700 किमी. नीचे मिला नया महासागर »
आपको जानकर हैऱानी होगी कि इस महासागर में धरती की सतह पर मौजूद कुल पानी का 3 गुना पानी मौज़ूद है।
यदि यह पानी (जल) धरती से बाहर निकल जाए तो सम्पूर्ण संसार का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
सच कहे तो हमें अपने पृथ्वी के बारे में कम जानकारी है जबकि चन्द्रमा और मंगल के बारे में ज्यादा जानकारी है।
700 किमी. नीचे रिंगवुडाइट चट्टान »
इस महासागर को खोजने वाले टीम के प्रमुख सदस्य स्टीव जैकबसेन ने कहा कि-
‘‘रिंगवुडाइट एक स्पंज की तरह है जो पानी सोख लेता है।’’
जल चक्र »
रिंगवुडाइट की क्रिस्टल संरचना में कुछ विशेष है जो उसे हाइड्रोजन को आकर्षित करने और पानी को ट्रैप करने देता है।
जल का रासायनिक सूत्र 𝐇_𝟐 𝐎 है। जो हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर बना है।
वैज्ञानिकों ने इसे कैसे ढ़ूँढ़ा »
इस भूमिगत महासगार का पता लगाने के लिए US में 2000 भूकम्प मापी का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया गया और 500 से ज्यादा भूकम्पों से निकलने वाले तरंगों की जाँच की गई।
ये तरंगें जब पृथ्वी की आंतरिक परतों से होकर गुजर रही थी तो इन्हें नम चट्टानों से गुजरना पड़ा इस दौरान इनकी गति में कमी देखी गई जो एक बड़े जल भंडार का संकेत देता है।
भूकम्पीय तरंगें
भूकम्प की ये तरंगे 3 प्रकार की होती हैं-
1. P तरंगें 2. S तरंगें 3. L तरंगें
भूकम्प की ये तरंगे 3 प्रकार की होती हैं-
P तरंगें (प्राथमिक) → ये ठोस के साथ-साथ द्रव से भी गुजरती हैं।
S तरंगें (द्वितीयक) → ये केवल ठोस से गुजरती हैं।
L तरंगें (सतही) → जब P और S तरंगें पृथ्वी की सतह पर पहुँचती हैं तो वे L तरंगों में परिवर्तित हो जाती हैं।
धरती पर बनेगा एक और महासागर »
ऐसे तो धरती पर 5 महासागर हैं-
हिन्द महासागर
प्रशान्त महासागर
अटलांटिक महासागर
आर्कटिक महासागर
अंटार्कटिक महासागर
अंटार्कटिक महासागर को वैज्ञानिक मान्यता नहीं देतें।
कितनी लम्बी है दरार »
इन सब के बावजूद वैज्ञानिकों ने उस सटीक स्थान की पहचान कर ली है जहाँ से अफ्रीका महाद्वीप सबसे पहले विभाजित होना शुरु हुआ था।
पहली बार 2005 में इथोपिया के रेगिस्तान में बहुत गहरी दरार दिखाई दी। इस दरार को पूर्वी अफ्रीकी दरार के नाम से जाना जाता है और यह 35 मील (लगभग 56 किमी.) लंबी है।
क्या सभी महासागर कभी एक थे ?
कभी की क्या बात है आज भी सारे महासागर एक ही है। यह सभी किसी ना किसी माध्यम से आपस में जुड़ें हैं।
कुछ एक था तो वह था महाद्वीप। आज हम जिन 7 महाद्वीपों को देख रहे हैं वे 200 मिलियन वर्ष पूर्व (मेसोजोइक युग) से पहले एक थे।
उस समय महाद्वीप पैंजिया कहलाते थे और महासागर पैंथालासा कहलाते थे।