भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,000 टन सोना मिला है, जो भारत के पास मौजूदा स्वर्ण भंडार का करीब पांच गुणा है।
विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार भारत के पास इस समय 626 टन स्वर्ण भंडार है। सोने का नया भंडार इसका करीब पांच गुणा है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 12 लाख करोड़ रुपए है।
हालांकि, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने शनिवार को खदान में 3000 टन नहीं, बल्कि सिर्फ 160 किलो सोना होने का दावा किया है जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की काफी किरकिरी हो रही है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की सोन और हरदी पहाड़ी में अधिकारियों ने सोना मिलने की पुष्टि की थी. इसके अलावा क्षेत्र की पहाड़ियों में एंडालुसाइट, पोटाश, लौह अयस्क आदि खनिज संपदा होने की बात भी चर्चा में है.
सोने की राख
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि सोनभद्र इलाके में सोने का इतना बड़ा कोई भंडार नहीं मिला है और जिस सोने के भंडार की बात माइनिंग विभाग की उत्तर प्रदेश इकाई कर रही है, वह दरअसल सोने की राख यानी 'गोल्ड ओर' है. वह भी अगर लंबे प्रोसेस के बाद निकाली जाती है तो उससे करीब 160 किलो सोना ही निकल पाएगा.
बिना जांच के क्यों किया दावा?
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार प्रदेश सरकार और उसके माइनिंग विभाग ने आनन-फानन में बगैर पूरी जांच किए या बिना पुख्ता जानकारी के इस तरह की दावे क्यों किए कि सोनभद्र की स्वर्ण पहाड़ी में हजारों टन सोना मिला है. दावा तो यहां तक किया गया कि इस पहाड़ी के भीतर यूरेनियम के भंडार भी हैं.