'यात्रा एवं पर्यटन विकास सूचकांक 2024' में भारत का स्थान क्या है - 39वां
विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत 119 देशों में 39वें स्थान पर है।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 975 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आगमन हुआ, जिसमें भारत में 14.3 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन दर्ज किया गया, जो 1.47% का प्रतिनिधित्व करता है।
2022 में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में भारत के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन की हिस्सेदारी 15.66% है। उन्होंने कहा कि तीन क्षेत्रों, यात्रा और पर्यटन की प्राथमिकता, सुरक्षा और सुरक्षा, और स्वास्थ्य और स्वच्छता में भारत के स्कोर में सुधार हुआ है।
हाल ही में, 'राज्यपालों का 52वां सम्मेलन' कहाँ आयोजित किया गया - नई दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2 अगस्त 2024 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के 52वें सम्मेलन की अध्यक्षता की। 2021 में राज्यपालों का51वां सम्मेलनराष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी।
यह पहली बार है, जब राष्ट्रपति मुर्मू राज्यपालों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही हैं।इस सम्मेलन में राज्यों के राज्यपाल, उपराज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक भी भाग लेते हैं।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम के साथ-साथ पीएमओ और गृह मंत्रालय में कैबिनेट सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
राज्यपाल का सम्मलेन पहली बार नहीं -
1949 में राज्यपालों का पहला सम्मेलन राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था, जिसे तब गवर्नमेंट हाउस के नाम से जाना जाता था। भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
भारत में, भारत के राष्ट्रपति के पास राज्यों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को नियुक्त करने और बर्खास्त करने की शक्ति है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में उपराज्यपाल हैं।
केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में प्रशासक हैं।
ग्लोबल एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट इंडेक्स में भारत की रैंक क्या है -8वां
WTO के अनुसार, भारत 2023 में वैश्विक कृषि निर्यात में आठवें स्थान है। भारत ने 2023 में कृषि निर्यात में 2022 के 55 बिलियन डॉलर से घटकर 51 बिलियन डॉलर रह जाने के बावजूद, वर्ष 2023 में कृषि उत्पादों के मामले में दुनिया के आठवें सबसे बड़े निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी, जबकि शीर्ष दस निर्यातक देशों में से सात में गिरावट देखी गई।
शीर्ष दस में से केवल तीन देश-ब्राजील, यूरोपीय संघ (ईयू) और थाईलैंड-ने 2023 में अपने कृषि निर्यात में वृद्धि की है। ब्राजील ने 6% की वृद्धि के साथ $157 बिलियन का निर्यात किया, जिससे उसका तीसरा स्थान बरकरार रहा, जबकि यूरोपीय संघ का निर्यात 5% बढ़कर $836 बिलियन हो गया, जिससे उसका शीर्ष स्थान बरकरार रहा। थाईलैंड के निर्यात में 0.2% की वृद्धि हुई, हालांकि यह शीर्ष तीन से बाहर रहा।
चौथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का आयोजन कहाँ हुआ - भोपाल
चौथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 30-31 जुलाई 2024 कोभोपाल में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया था।
इसका आयोजन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (CSIR-AMPRI) भोपाल ने किया था।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को हिंदी में अपने काम को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था, जिससे इस भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में बढ़ावा मिले।
सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग और विज्ञान संचार के विविध विषयों पर छह सत्र आयोजित किए गए।
चौथे राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का विषय ‘अमृतकाल में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना का उन्नयन’ था।
किसने ग्लोबल वाटर टेक समिट- 2024 में ‘वाटर डिपार्टमेंट ऑफ द ईयर’ श्रेणी के तहत जीईईएफ ग्लोबल वाटरटेक पुरस्कार जीता है - केंद्रीय जल आयोग
केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को नई दिल्ली में ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट फाउंडेशन (जीईईएफ) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित ग्लोबल वाटर टेक समिट-2024 में ‘वाटर डिपार्टमेंट ऑफ द ईयर’ श्रेणी के तहत जीईईएफ ग्लोबल वाटरटेक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
हाल ही में, किस देश के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने भारत यात्रा की - वियतनाम
वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह 31 जुलाई से 1 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौते हुए।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अगस्त को वियतनाम के प्रधानमंत्री के साथ वार्ता की। दोनों नेता आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और सीमा शुल्क, कृषि, कानूनी, रेडियो और टेलीविजन प्रसारण, संस्कृति तथा पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए 9 समझौते किए।
दोनों पक्ष दक्षिण चीन सागर (SCS) में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जानकारी साझा करने और साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कृषि अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग के लिए मणिपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और वियतनाम के कृषि विज्ञान अकादमी के बीच समझौता ज्ञापन हुआ।
रेडियो और टेलीविजन पर सहयोग के लिए प्रसार भारती और वॉयस ऑफ वियतनाम के बीच भी समझौता हुआ।
वियतनाम -
वियतनाम दक्षिणपूर्व एशिया का एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। बौद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है जो देश जनसंख्या का 85% हिस्सा है।
कृषि अर्थशास्त्रियों का 32वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया - भारत
भारत 66 साल के अंतराल के बाद कृषि अर्थशास्त्रियों के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने 30 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
भारत, 2 से 7 अगस्त 2024 तक पूसा इंस्टीट्यूट नई दिल्ली में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
66 वर्षों के अंतराल के बाद, भारत फिर से इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसकी मेजबानी उसने पहली बार 1958 में की थी।
कृषि अर्थशास्त्र पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हर तीन साल में आयोजित किया जाता है। 2021 का सम्मेलन 2021 को कोविड-19 महामारी के कारण आभासी प्रारूप में आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनका उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में लगभग 1,000 लोगों, मुख्य रूप से दुनिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों और 75 देशों के कृषि संस्थानों के कृषि अर्थशास्त्रियों के भाग लेने की उम्मीद है। इसमे लगभग 45 प्रतिशत प्रतिनिधि महिलाएँ हैं।
नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय "सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन" है।
कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में -
कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की स्थापना का श्रेय इंग्लैंड के लियोनार्ड एल्महर्स्ट को दिया जाता है, जिन्होंने 1929 में इंग्लैंड के डेवोन में कृषि अर्थशास्त्रियों का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था।
कृषि अर्थशास्त्रियों का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख कृषि अर्थशास्त्रियों और विद्वानों को एक साथ लाता है।
भारत ने 1958 में मैसूर में कृषि अर्थशास्त्रियों के 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की थी।
टाइम पत्रिका ने अपनी प्रतिष्ठित सूची ‘विश्व के 2024 के सबसे महान स्थानों’ में कितने भारतीय स्थलों को शामिल किया है - 3
टाइम पत्रिका ने अपनी प्रतिष्ठित सूची ‘विश्व के 2024 के सबसे महान स्थानों’ में तीन भारतीय स्थलों को शामिल किया है।
1. समाधान संग्रहालय (म्यूसो), मुंबई -
मुंबई में स्थित म्यूज़ियम ऑफ़ सॉल्यूशंस (MuSo) बच्चों के लिए एक अनूठा संग्रहालय है, जो अपनी थीम-आधारित प्रदर्शनियों और इमर्सिव लर्निंग अनुभवों के लिए जाना जाता है। यह लोअर परेल में स्थित है।
2. Manam Chocolate, हैदराबाद -
यह हैदराबाद में स्थित एक प्रीमियम क्राफ्ट चॉकलेट ब्रांड है जो भारतीय-उगाए गए कोको को प्रमुखता देता है। इस ब्रांड को हाल ही में कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। यहां पर क्रोइसेंट, नारियल मैकरॉन, और चक्कारकेली (केले का सॉफ्ट सर्व) भी तैयार किया जाता है। इस फैक्ट्री के नीचे स्थित Manam का कांच से ढका कैफे मिठाइयों और नमकीनों की विविधता पेश करता है, जहां एक कोको का पेड़ भी है, जो Manam की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
3. Naar: हिमाचल प्रदेश -
हिमाचल प्रदेश के एक बुटीक होटल में स्थित Naar एक प्रीमियम रेस्तरां है, जिसे प्रसिद्ध शेफ प्रतीक सधू चला रहे हैं। Chef Sadhu का लक्ष्य पहाड़ी क्षेत्रों की खाद्य विविधता को प्रस्तुत करना और Naar को एक अद्वितीय गंतव्य रेस्तरां बनाना है। यहां Himachali yak cheese, juniper-smoked lamb (जिसे कश्मीरी mushqbudji चावल के साथ परोसा जाता है), Ladakhi buckwheat pasta, Naga bamboo shoot pickles, और Uttarakhand के galgal lemons जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के किस जिले में ‘यंग भारत ओलंपियाड’ (YBO) का शुभारंभ हुआ है - बिजनौर
उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में 2 अगस्त को ‘यंग भारत ओलंपियाड’ (YBO) का शुभारंभ हुआ है। यंग भारत ओलंपियाड (YBO) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है, जो छात्रों में शैक्षिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। यह ओलंपियाड विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचानने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है। YBO छात्रों को उनकी शैक्षणिक क्षमताओं का प्रदर्शन करने का मौका देता है, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलती है। इस ओलंपियाड के माध्यम से छात्र राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अनुभव करते हैं, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। इस YBO में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाएगा, जिससे उनकी मेहनत और प्रयास को पहचान मिलेगी।
यह ओलंपियाडकक्षा 6 से लेकर 12 के छात्रों के लिए आयोजित किया जा रहा है, जहां छात्रों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है: कक्षा 6-8 (ग्रुप A), कक्षा 9-10 (ग्रुप B), और कक्षा 11-12 (ग्रुप C)। इस प्रतियोगिता को दो चरणों में आयोजित किया जाता है। पहला चरण SkillingYou के मोबाइल ऐप पर होगा, जहां छात्र ऑनलाइन परीक्षा में भाग लेंगे। इस परीक्षा में गणित और तर्कशक्ति (रिजनिंग) के 25-25 प्रश्न पूछे जाएंगे और समय 1 घंटा होगा। दूसरे चरण में पहले चरण से 1000 शीर्ष छात्रों को चुना जाएगा और लिखित परीक्षा के माध्यम से शीर्ष छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।
विश्व विकास रिपोर्ट 2024 में उल्लिखित 3i क्या है - Investment, innovation and infusion
विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वर्तमान दर से अमेरिका की जीडीपी का एक चौथाई हिस्सा हासिल करने में 75 साल लग सकते हैं। इस रिपोर्ट में विकासशील देशों को “मध्यम आय के जाल” से बाहर निकलने के लिए एक व्यापक रोडमैप भी दिया गया है।
‘वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2024’ नामक इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2047 तक देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने या एक पीढ़ी के भीतर उच्च आय का दर्जा हासिल करने की महत्वाकांक्षा पर प्रकाश डाला गया है। यह भी पता चलता है कि भारत, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका सहित 100 से अधिक देशों को आने वाले दशकों में उच्च आय का दर्जा हासिल करने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
भारत को विकसित देश बनने के लिए लंबा सफर तय करना होगा -
भारत को एक विकसित देश बनने के लिए अगले 20-30 साल तक लगातार 7-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है। ऐसा करने से ही भारत मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था के जाल से बाहर निकल सकता है और 2047 तक एक विकसित देश बन सकता है। उस समय देश की प्रति व्यक्ति आय 18,000 डॉलर सालाना होगी और अर्थव्यवस्था का आकार 30 ट्रिलियन डॉलर होगा।
नीति आयोग ने कहा है कि भारत की वर्तमान जीडीपी 3.36 ट्रिलियन डॉलर है, जिसे 9 गुना बढ़ाकर 30 ट्रिलियन डॉलर करना होगा। साथ ही, प्रति व्यक्ति आय को मौजूदा 2,392 डॉलर से बढ़ाकर 8 गुना यानी 18,000 डॉलर सालाना करना होगा।