8 August 2024 Current Affairs Quiz in Hindi
हाल ही में, बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन का आयोजन कहाँ हुआ - नई दिल्ली
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में पहले बिम्सटेक बिजनेस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
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शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से विदेश मंत्रालय करेगा। क्या है बिम्सटेक
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बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। एशिया के 7 देश बिम्सटेक के सदस्य हैं। इसमें भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और थाइलैंड शामिल हैं। इसका मकसद बंगाल की खाड़ी से लगे देशों में तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना है। बैंकॉक डिक्लेरेशन, 1997 के तहत इसे स्थापित किया गया।
हाल ही में किस राज्य की विधानसभा में अनुसूचित जनजाति आरक्षण के लिए विधेयक पेश किया गया - गोवा
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केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया।
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गोवा की विधानसभा में एक SC-आरक्षित सीट है, लेकिन ST-आरक्षित कोई सीट नहीं है, जबकि ST की आबादी बढ़ रही है।
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विधेयक में ST आरक्षण को शामिल करने के लिए परिसीमन आदेश में संशोधन करने, लंबे समय से चली आ रही मांगों और जनसंख्या में बदलाव को संबोधित करने का प्रयास किया गया है।
ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान कौन बनी, जिन्हें बाद में डिस्क्वालिफाई कर दिया गया - विनेश फोगाट
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विनेश फोगाट 6 अगस्त 2024 को ओलंपिक फाइनल में पहुंचीं। उन्होंने महिलाओं की फ्रीस्टाइल 50 किग्रा सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुज़मैन लोपेज पर 5-0 से जीत के बाद यह उपलब्धि हासिल की।
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विनेश ओलंपिक में रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली महिला पहलवान भी बन गईं।
क्या कहता है नियम
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बता दें कि United World Wrestling- UWW के नियमों के अनुसार अगर कोई एथलीट वजन माप में भाग नहीं लेता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। रूल्स के मुताबिक विनेश सिल्वर मेडल के भी योग्य नहीं रह जाएगी. इसके बाद 50 kg कैटेगरी में सिर्फ गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल दिया जाएगा।
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100 ग्राम वजन ज्यादा पाया गया
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बताया जा रहा है कि मंगलवार रात को ही विनेश और उनके कोच को इस बात का पता चल गया था, जिसके बाद विनेश वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए काफी कोशिशें करती रहीं। उन्होंने जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग वगैरह भी की। लेकिन ये सब काम नहीं आया. बुधवार को महिलाओं की 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल से पहले उनका वजन करीब 100 ग्राम अधिक वजन का पाया गया, जिसके बाद उन्हें गोल्ड मेडल मैच के लिए अयोग्य करार दे दिया गया है।
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ध्यान रहे - इससे पहले साक्षी मलिक ने रियो 2016 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
हाल ही में किस केंद्रीय मंत्री द्वारा ई-सक्षम, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप लॉन्च किए - अमितशाह
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केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए ई-सक्षम, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप लॉन्च किए।
ई-साक्षी ऐप के बारे में -
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ई-साक्ष्य के साथ, जांच अधिकारी आवश्यकतानुसार अपराध स्थलों की वीडियो रिकॉर्डिंग और तस्वीरें ले सकते हैं। यह एप्लिकेशन अधिकारियों को गवाहों से जानकारी एकत्र करने और उनके बयान दर्ज करने की भी अनुमति देता है। एक बार रिकॉर्डिंग पूरी हो जाने के बाद, सभी जानकारी को सुरक्षित रूप से एक साक्ष्य लॉकर में भेज दिया जाता है और चार्जशीट से जोड़ दिया जाता है, जिसे फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदालत को उपलब्ध कराया जाता है। इन रिकॉर्डिंग और तस्वीरों को अभियोजकों और बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा उपयोग के लिए डाउनलोड भी किया जा सकता है।
न्याय श्रुति क्या है?
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दूसरा उपकरण, न्याय श्रुति, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अदालती सुनवाई की सुविधा प्रदान करता है। यह स्वचालित प्रणाली पुलिस, जेल, अभियोजन, फोरेंसिक और निर्दिष्ट पहुँच बिंदुओं से जुड़ी हुई है। जब भी अदालत कोई समन या वारंट जारी करती है, तो डोमेन एप्लिकेशन को एक अलर्ट भेजा जाता है, और सभी संबंधित व्यक्तियों और अधिकारियों को न्यायिक सुनवाई के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक प्रदान किया जाता है।
ई-समन के बारे में-
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तीसरा एप्लीकेशन, ई-सम्मन, कानूनी आदेशों के इलेक्ट्रॉनिक अनुपालन को संभालता है। इस सुविधा के माध्यम से, न्यायालय द्वारा जारी किए गए समन और वारंट जैसे कानूनी आदेश इलेक्ट्रॉनिक रूप से पुलिस को प्रेषित किए जाते हैं। फिर ये आदेश संबंधित अधिकारियों को उनके मोबाइल उपकरणों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं। अधिकारी निर्दिष्ट पते पर आदेश पहुंचाते हैं और डिलीवरी पर प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर प्राप्त करते हैं।
वर्ष 2014 के बाद से विभिन्न देशों से कितनी भारतीय कलाकृतियों को स्वदेश वापस लाया गया है - 345
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आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के प्रवक्ता डॉ. टीजे अलोन ने बताया कि 1972 में यूनेस्को कन्वेंशन से जुड़ने के बाद देश की सरकार ने पुरातन व कला संरक्षण अधिनियम (antiquity and art preserve act) 100 साल से अधिक पुरानी चीजों के संरक्षण और विदेशों से उन्हें लाने के उद्देश्य से बनाया था। 2014 के बाद इस दिशा में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और केंद्रीय विदेश मंत्रालय के कूटनीतिक प्रयासों से 345 पुरातन कलाकृतियां मिल चुकी हैं। 1976 से लेकर अब तक पुरातत्व महत्व की कुल 359 कलाकृतियां भारत की भूमि में वापस आ चुकी हैं। 2014 से पहले ऐसी 19 कलाकृतियां ही विदेशों से यहां आ पाई थी। विदेशों से आईं कई कलाकृतियों को उन राज्यों को लौटा दिया गया है जहां की वे थी। कई कलाकृतियां पुराने किले के 'पुरातन संग्रहालय' में आम लोगों के देखने के लिए रखी गई हैं। कुछ नेशनल म्यूजियम में भी हैं।
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अमेरिका से आई सबसे अधिक कलाकृतियां
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2021 में अमेरिका से एक ही बार में 150 से ज्यादा कलाकृतियां देश में लाई गईं थी। 2023 में भी करीब 80 कलाकृतियां अमेरिका से आई हैं। ऑस्ट्रेलिया से 50 से अधिक कलाकृतियां वापस आई हैं।
फॉर्च्यून 500 वैश्विक सूची में कौन-सी कंपनी शीर्ष पर है - वॉल-मार्ट
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फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की सूची में अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट लगातार 11वें साल शीर्ष पर है। सऊदी अरब की कंपनी अरामको सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली वैश्विक कंपनी रही।
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वॉल-मार्ट (संयुक्त राज्य अमेरिका)
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अमेज़न (संयुक्त राज्य अमेरिका)
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स्टेट ग्रिड (चीन)
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अरामको (सऊदी अरब)
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सिनोपेक (चीन)
10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर बुनकरों को संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार किसके द्वारा वितरित किया जायेगा - जगदीप धनखड़
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राष्ट्र 7 अगस्त 2024 को 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहा है। हथकरघा क्षेत्र, कृषि क्षेत्र के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की पृष्ठभूमि
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2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त को हर साल राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा की थीं। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। 7 अगस्त 1905 को देश में स्वदेशी आंदोलन शुरू करने पर सहमत हुए थे।
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अंग्रेजों ने राष्ट्रवादी आंदोलन को कुचलने के लिए बंगाल को विभाजित करने का प्रस्ताव रखा था । जुलाई 1905 में, ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रांत को विभाजित करके "पूर्वी बंगाल और असम" का एक नया प्रांत बनाने की घोषणा की।
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अंग्रेजों ने राष्ट्रवादी आंदोलन को कुचलने के लिए बंगाल को विभाजित करने का प्रस्ताव रखा। जुलाई 1905 में, ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रांत को विभाजित करके "पूर्वी बंगाल और असम" का एक नया प्रांत बनाने की घोषणा की।
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बंगाल के विभाजन का विरोध करने के लिए, कृष्णकुमार मित्र की बंगाली पत्रिका संजीबानी ने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा।
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7 अगस्त 1905 को कलकत्ता टाउन हॉल में प्रमुख लोगों की बैठक में स्वदेशी के इस विचार का समर्थन किया गया।
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पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2015 को प्रधान मंत्री द्वारा चेन्नई में मनाया गया था।
10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह
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केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय 7 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
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इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि होंगे।
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समारोह के दौरान, हथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हथकरघा बुनकरों को संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
बांग्लादेश में किस आधार पर दिए आरक्षण के मुद्दे पर छात्रों ने आंदोलन किया था - 1971 युद्ध लड़ने वाले परिवारों के आधार पर
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जून 2024 में बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने एक फैसले में देश के 1971 के मुक्ति आंदोलन में भाग लेने वालों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बहाल कर दिया था । इस आदेश के बाद बांग्लादेश में लगभग 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ बांग्लादेश में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित हो गई थीं।
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उच्च न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो
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गया । यह विरोध जल्द ही हसीना सरकार के खिलाफ एक आंदोलन में बदल गया और छात्र आंदोलनकारी सरकार के इस्तीफे की मांग करने लगे।
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बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 21 जुलाई को दिए गए फैसले में नौकरी कोटा पर उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिए जाने के बावजूद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
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छात्रों को बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी का समर्थन प्राप्त था।
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पांच बार बांग्लादेश की प्रधान मंत्री रहीं शेख हसीना वाजेद ने एक महीने के व्यापक हिंसक छात्र विरोध के बाद 4 अगस्त 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवर होकर भारत आ गईं । सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ छात्रों का विरोध जल्द ही सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसके कारण देश में 300 से अधिक लोग, मुख्य रूप से नागरिक, मारे गए। उनके इस्तीफे से बांग्लादेश में उनका 15 साल का निर्बाध शासन समाप्त हो गया। वह लगभग 20 वर्षों तक बांग्लादेश की प्रधान मंत्री रही हैं।
किस नोबेल पुरस्कार विजेता को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया - मुहम्मद यूनुस
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मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।
कौन हैं मुहम्मद यूनुस?
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मुहम्मद यूनुस, एक नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, उन्हें "गरीबों में सबसे गरीब के बैंकर" के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि एक बार शेख हसीना ने उन्हें "खून चूसने वाला" तक कह दिया था। 83 साल के यूनुस हसीना के जाने-माने आलोचक और विरोधी हैं। उन्होंने शेख हसीना के इस्तीफे को देश का "दूसरा मुक्ति दिवस" करार दिया है।
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पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर, यूनुस को 2006 में गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के उद्देश्य से माइक्रो क्रेडिट के उपयोग का बीड़ा उठाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नोबेल शांति पुरस्कार समिति ने यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक को नीचे से आर्थिक और सामाजिक विकास बनाने के उनके प्रयासों के लिए सराहा था।
क्या है ग्रामीण बैंक की कहानी?
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यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना उन उद्यमियों को छोटे ऋण प्रदान करने के लिए की थी जो आम तौर पर ऋण प्राप्त करने की अर्हता नहीं रखते थे। लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के सूक्ष्म वित्तपोषण के प्रयासों को जन्म दिया।
कौन-सा देश पिघले हुए थोरियम नमक पर आधारित विश्व का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहा है - चीन
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चीन ने गोबी रेगिस्तान में पिघले हुए थोरियम नमक से ईंधन वाले दुनिया का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना बनाई है, जिसका निर्माण 2025 में शुरू होगा।
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थोरियम एक धातु है जिसका उपयोग पिघले हुए लवण रिएक्टरों में किया जा सकता है; यह परमाणु ऊर्जा की अगली पीढ़ी में से एक है जिसमें रिएक्टर शीतलक और ईंधन स्वयं गर्म पिघले हुए लवणों का मिश्रण होते हैं।
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Th-232 परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आसानी से न्यूट्रॉन को अवशोषित कर सकता है और Th-233 में बदल सकता है। Th-233 प्रोटैक्टीनियम-233 बन सकता है, जो बदले में एक विखंडनीय और ऊर्जा उत्पादक आइसोटोप बन जाता है: U-233।
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थोरियम में अनेक गुण हैं, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं: इसे संभालना कठिन है, यह उपजाऊ और गैर-विखंडनीय धातु है, तथा इसमें जोखिम भी अधिक है।
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लेकिन यह प्लूटोनियम या यूरेनियम की तुलना में कम अपशिष्ट उत्पन्न करता है और परमाणु ऊर्जा के भविष्य के लिए एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
ध्यान रहे -
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रूस ने दुनिया का पहला तैरता हुआ परमाणु संयंत्र विकसित किया है।
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भारत का पहला स्वदेश निर्मित प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर, तमिलनाडु में 500 मेगावाट का कलपक्कम परमाणु संयंत्र, जिसका सफल परीक्षण हो चुका है, यह एक झलक प्रदान करता है कि थोरियम किस प्रकार देश को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक हो सकता है।
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