CTET Child Development and Pedagogy - बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के स्मार्ट-ई-नोट्स में आपको सभी चैप्टर की विस्तृत व्याख्या एवं प्रैक्टिस के लिए क्विज भी दिए गये हैं. यह नोट्स 425 पेज का है.
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सीटेट सिलेबस पेपर 1 और पेपर 2 के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है। CTET परीक्षा में 2 चरणों में आयोजित की जाती है। जो छात्र परीक्षा पास करना चाहते हैं उन्हें सीटेट सिलेबस 2023 से अच्छी तरह से अवगत होना चाहिए। सिलेबस की सम्पूर्ण जानकारी से परीक्षा की तैयारी के लिए सटीक योजना बनाई जा सकती है।
सीटेट सिलेबस में बाल विकास एवं शिक्षण, हिंदी भाषा, अंग्रेजी भाषा, विज्ञान एवं गणित और सामाजिक अध्ययन जैसे विषय शामिल हैं। सिलेबस में इन विषयों के महत्वपूर्ण विषय-वास्तु की जानकारी विस्तृत रूप में दी जाती है।
सीबीएसई सीटीईटी पाठ्यक्रम (CBSE CTET Syllabus in hindi) के अनुसार सीटीईटी परीक्षा (CTET Exam) में दो पेपर होंगे।
बाल विकास और शिक्षणशास्त्र (CTET Child Development and Pedagogy) एक स्कोरिंग सब्जेक्ट है, यह कुल 30 नंबर का पेपर है, जिसमे विद्यार्थी अच्छी तैयारी कर के पूरे अंक प्राप्त कर सकते हैं। सीटेट बाल विकास और शिक्षणशास्त्र का सिलेबस इस प्रकार है।
✅ विकास की अवधारणा और इसका सीखने के साथ संबंध
✅ बच्चों के विकास के सिद्धांत
✅ आनुवंशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
✅ समाजीकरण की प्रक्रिया: सामाजिक दुनिया और बच्चों (शिक्षक, माता पिता,एवं साथी)
✅ पिगेट, कोलबर्ग और, भाइ़गटस्कि: निर्माणों और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण
✅ बच्चों को केंद्रित करते हुए प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा
✅ बौद्धिक विकास के लिए गुणात्मक विवेचन
✅ चहुँ ओर बौद्धिक विकास
✅ भाषा और विचार
✅ एक सामाजिक निर्माण के रूप में ; लिंग भूमिकाओं, लिंगी भेद, लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षिक अभ्यास
✅ शिक्षार्थियों के बीच व्यक्तिगत मतभेदों, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म की विविधता के आधार पर अंतर स्पष्टीकरण
✅ सीखने और सीखने के आकलन, स्कूल आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन, नजरिए और व्यवहार के बीच भेद
✅ शिक्षार्थियों की तत्परता के स्तर के आकलन करने के लिए, सीखने और कक्षा में महत्वपूर्ण सोच को बढ़ाने के लिए और शिक्षार्थी की उपलब्धि का आकलन करने के लिए उचित प्रश्नों का प्रतिपादन
समावेशी शिक्षा की अवधारणा और बच्चों की समझ का आकलन: (5 प्रश्न)
✅ विभिन्न पृष्ठभूमि से संबंध रखते शिक्षार्थी सुविधाहीन और वंचित शिक्षार्थियों को पढ़ना
✅ सीखने की कठिनाइयों, दुर्बलता आदि के साथ बच्चों की जरूरतों का संबोधन
✅ बुद्धिमान, रचनात्मक, विशेष रूप से विकलांग शिक्षार्थियों का संबोधन
✅ कैसे बच्चे सोचते और सीखते हैं; कैसे और क्यूँ वे स्कूल में सफलता प्राप्त करने में असफल होते हैं ।
✅ शिक्षण और सीखने की बुनियादी प्रक्रियाओं, सीखने के बच्चों की रणनीति, एक सामाजिक गतिविधि के रूप में सीख, शिक्षा का सामाजिक संदर्भ
✅ समस्या का हल निकलने वाले और एक ‘वैज्ञानिक अन्वेषक’ के रूप में बच्चे
✅ बच्चों में सीखने की वैकल्पिक धारणाएं, सीखने की प्रक्रिया में बच्चों की ‘त्रुटियों’ को महत्वपूर्ण कदम के रूप में समझना ।
✅ अनुभूति और भावना
✅ प्रेरणा और सीख
✅ सीखने के लिए योगदान के कारक – व्यक्तिगत और पर्यावरण
CTET पेपर 2 के लिए उपस्थित होने की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को नीचे दिए गए अनुभाग से पेपर- II के विस्तृत सीटीईटी सिलेबस को पढ़ना चाहिए।
सीटेट बाल विकास एवं शिक्षणशास्त्र का सिलेबस पेपर 1 और पेपर 2 के लिए लगभग एक जैसा है। बाल विकास एवं शिक्षणशास्त्र सीटेट पेपर 2 सिलेबस के लिए टॉपिक्स इस प्रकार हैं।
✅ विकास की अवधारणा और अधिगम के साथ इसका संबंध
✅ बाल विकास के सिद्धांत
✅ वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव
✅ समाजीकरण प्रक्रिया: सामाजिक दुनिया और बच्चे (शिक्षक, माता-पिता, साथी)
✅ पियाजे, कोह्लबर्ग, और वाइगोत्सकी: निर्माण और आलोचनात्मक दृष्टिकोण
✅ बाल-केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा
✅ बुद्धिमत्ता निर्माण के आलोचनात्मक दृष्टिकोण
✅ बहु-आयामी बौद्धिकता
✅ भाषा और विचार
✅ सामाजिक निर्माण के रूप में लिंग; लिंग भूमिकाएं, लिंग-पक्षपात और शैक्षिक अभ्यास
✅ शिक्षार्थियों के बीच व्यक्तिगत अंतर, भाषा की विविधता, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि के आधार पर अंतर समझना
✅ अधिगम और अधिगम के आकलन के लिए मूल्यांकन के बीच अंतर; स्कूल-आधारित मूल्यांकन, सतत और व्यापक मूल्यांकन: दृष्टिकोण और अभ्यास
✅ शिक्षार्थियों की तत्परता के स्तर का आकलन करने के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना; कक्षा में अधिगम और आलोचनात्मक सोच को बढ़ाना और अधिगम की उपलब्धि का आकलन करना।
✅ सुविधाहीन और वंचितों सहित विविध पृष्ठभूमि के शिक्षार्थियों को संबोधित करना
✅ अधिगम की कठिनाइयों, ‘क्षीणता’ आदि वाले बच्चों की आवश्यकताओं को संबोधित करना।
✅ प्रतिभाशाली, रचनात्मक, विशेष रूप से विकलांग शिक्षार्थियों को संबोधित करना
✅ बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं; बच्चे कैसे और क्यों स्कूल के प्रदर्शन में सफलता हासिल करने में ‘असफल’ हो जाते हैं।
✅ शिक्षण और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएँ; बच्चों की अधिगम की रणनीति; एक सामाजिक गतिविधि के रूप में सीखना; अधिगम का सामाजिक संदर्भ।
✅ बाल समस्या समाधानकर्ता और ‘वैज्ञानिक अन्वेषक’ के रूप में
✅ बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक अवधारणाएँ, बच्चों की त्रुटियों को अधिगम की प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों के रूप में समझना।
✅ अनुभूति और भावनाएँ
✅ प्रेरणा और अधिगम
✅ सीखने में योगदान देने वाले कारक – व्यक्तिगत और पर्यावरणीय
आप सभी के लिए फ्री क्लासेस भी दी जाती हैं -
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