भारतीय मुसलमानों के पृथक राज्य के लिए पाकिस्तान शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने किया - चौधरी रहमत अली व उनके मित्रों ने R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996
- भारतीय मुसलमानों के लिए पृथक राज्य पाकिस्तान शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र रहमत अली ने अपनी पत्र जिसका शीर्षक था नाउ आर नेवर में प्रस्तुत किया था।
मुसलमानों के लिए पृथक राष्ट्र का विचार दिया था - सर मुहम्मद इकबाल ने U.P.P.C.S. (Mains) 2003/P.C.S. (Mains) 2006
- कवि और राजनैतिक चिंतक मुहम्मद इकबाल को मुसलमानों के लिए पृथक राष्ट्र के विचार का प्रवर्तक माना जाता है।
- सर्व इस्लाम की भावना से प्रेरित होकर इकबाल ने 1930 के अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन में कहा था, यदि यह सिद्धांत स्वीकार कर लिया जाता है कि भारतीय मुसलमान को अपने देश में अपनी संस्कृति और परंपराओं के पूर्ण और स्वतंत्र विकास का अधिकार है, तो मेरी इच्छा यह होगी कि पंजाब, उत्तर - पश्चिमी सीमा प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को मिलाकर एक पृथक राज्य बनाा दिया जाए। ब्रिटिश साम्राज्य के अंदर अथवा बाहर, एक उत्तर - पश्चिमी भारतीय मुस्लिम राज्य का गठन मुझे कम से कम उत्तर - पश्चिमी भारत में, मुसलमानों का अंतिम लक्ष्य प्रतीत होता है।
किसने सर्वप्रथम भारत में एक पृथक मुस्लिम राज्य का प्रस्ताव रखा था - मुहम्मद इकबाल U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014
- 1930 ई. में मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण में मुहम्मद इकबाल ने सर्वप्रथम एक पृथक मुस्लिम राज्य का प्रस्ताव रखा था।
पाकिस्तान के अलग राज्य आंदोलन का नेतृत्व किसने किया - मुहम्मद अली जिन्ना ने B.P.S.C. (Pre) 1992
- 23 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग का अधिवेशन लाहौर में हुआ।
- इसकी अध्यक्षता मुहम्मद अली जिन्ना ने की।
- इस अधिवेशन में भारत से अलग एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की गई।
- जिन्ना ने अधिवेशन में भाषण देते हुए कहा था कि वे एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के अतिरिक्त और कुछ स्वीकार नहीं करेंगे।
कथन नहेरु एक राष्ट्रभक्त हैं, जब कि जिन्ना एक राजनीतिज्ञ हैं, व्यक्त किया गया था - सर मोहम्मद इकबाल द्वारा U.P.P.C.S. (GIC) 2010/U.P.P.C.S. (Pre) 1991
- देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया के पृष्ठ 352 पर उल्लेख किया है कि मुहम्मद इकबाल ने उनसे मुलाकात के दौरान कहा था कि आप (नेहरु) एक राष्ट्रभक्त हैं, जब कि जिन्ना एक राजनीतिज्ञ हैं।
किसने मुहम्मद अली जिन्ना को हिंदू मुस्लिम एकता का दूत कहा था - सरोजनी नायडू U.P.P.C.S. (Pre) 2000/U.P.P.C.S. (Mains) 2004
- 1919 में पार्लियामेंट सेलेक्ट कमेटी के सामने जब जिन्ना गवाही दे रहे थे तो उनसे पूछा गया था कि क्या आप सचमुच भारतीय राष्ट्रवादी की हैसियत से बोल रहें हैं?
- इसके उत्तर में उन्होंने कहा था - हां, मैं भारतीय राष्ट्रवादी की हैसियत से बोल रहा हूं।
- उसके बाद मेजर आर्क्सबी गोर ने पूछा, अर्थात आप राजनीतिक जीवन में मुसलमान और हिंदू के बीच में भेदभाव को जल्दी से जल्दी दूर कर देना चाहते है?
- इसके उत्तर में जिन्ना ने कहा था - हां, मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी जब वह दिन आएगा।
- जिन्ना के इन्हीं राष्ट्रवादी विचारों तथा मुस्लिम अली जिन्ना की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण सरोजनी नायडू ने उन्हें हिंदू - मुस्लिम एकता का दूत कहा था।
वह कौन तिथि थी, जब मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान दिवस मनाया था - 23 मार्च, 1943 U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2008
- 23 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग का अधिवेशन लाहौर में हुआ।
- इसकी अध्यक्षता मुहम्मद अली जिन्ना ने की।
- इस अधिवेशन में भारत से अलग एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
- इसी तिथि की स्मृति में 23 मार्च, 1943 ई. को मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान दिवस मनाया गया।
वर्ष 1940 में मुस्लिम लीग के अधिवेशन में पाकिस्तान के सृजन का प्रस्ताव किसने रखा था - खलीकुज्जमां U.P.P.C.S. (Pre) 2000
- 23 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग के वार्षिक अधिवेशन में प्रसिद्ध लाहौर प्रस्ताव (पाकिस्तान प्रस्ताव) पास किया गया जिसके तहत भारत का विभाजन कर एक पृथक मुस्लिम राष्ट्र - पाकिस्तान की मांग की गई।
- इस प्रस्ताव को फजलुलहक ने प्रस्तुत किया और खलीकुज्जमां ने इसका अनुमोदन किया।
- इसकी रुपरेखा तैयार करने में सर सिंकदर हयात खां, फजलुलहक और खलीकुज्जमां की विशेष भूमिका थी।