मार्ले - मिंटो सुधार बिल किस वर्ष में पारित किया गया - 1909 U.P.P.C.S. (Pre) 1994
- 1905 में लॉर्ड कर्जन के स्थान पर लॉर्ड मिंटो को भारत का वायसराय नियुक्त किया गया तथा जॉन मार्ले को भारत सचिव।
- इनके द्वारा किए गए सुधारों को मार्ले - मिंटो सुधारों के नाम से जाना जाता है।
- ब्रिटिश संसद द्वारा पारित संवैधानिक सुधार जिन्हें औपचारिक रुप से भारतीय परिषद अधिनियम 1909 कहा गया, सामान्यतया मार्ले - मिंटो सुधारों के नाम से प्रसिद्ध है।
- इसका सबसे बड़ा दोष मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की व्यवस्था करना था।
- 1909 के सुधारों का उद्देश्य भारत में उत्तरदायी अथवा प्रतिनिधिक व्यवस्था स्थापित करना कदापि नहीं था, सुधारों के बारे में स्वयं मार्ले ने कहा था कि यदि इन सुधारों से किसी तरह भी भारत में संसदीय व्यवस्था स्थापित होने का डर हो तो कम से कम मै उससे कोई नाता रखने तैयार नहीं हूं।
दिल्ली भारत की राजधानी बनी - 1911 में U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007
- दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा 1911 में की गई थी जबकि कलकत्ता से दिल्ली उसका स्थानांतरण 1912 में हुआ था।
1909 के इंडियन काउंसिल एक्ट में किस बात की व्यवस्था की गई थी - सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व U.P.P.C.S. (Pre) 1996
- भारतीय परिषद अधिनियम 1909 (मार्ले - मिंटो सुधार) का सबसे बड़ा दोष सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की व्यवस्था करना था।
- इस व्यवस्था के अंतर्गत परिषदों में मुसलमान सदस्यों का निर्वाचन सामान्य निर्वाचन मंडल द्वारा नहीं अपितु केवल मुसलमानों के लिए गठित पृथक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता था।
- वस्तुतः इसका आशय यह था कि मुसलमान संप्रदाय को भारतीय राष्ट्र से पूर्णतया पृथक वर्ग के रुप में स्वीकार किया गया।
- इस व्यवस्था ने भारतीय राजनीति में बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी।
- सदियों से बनाई राष्ट्रीय एकता को एक ही चोट में समाप्त कर दिया।
- महात्मा गांधी ने कहा था - मार्लें - मिंटो सुधार (1909 के इंडियन काउंसिल एक्ट) ने हमारा सर्वनाश कर दिया।
ब्रिटिश काल में दिल्ली के पहले भारत की राजधानी कहां थी - कलकत्ता M.P.P.C.S. (Pre) 1995
- ब्रिटिश काल में दिल्ली से पहले भारत की राजधानी कलकत्ता थी।
- ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम के भारत आगमन (12 दिसंबर, 1911) के समय बंगाल विभाजन रद्द कर भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई।
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में यह कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई।
- 1 अप्रैल, 1912 को दिल्ली राजधानी बनायी गई।
राष्ट्रीय आंदोलन की अवधि में जिस घटना में मतभेद में बीज थे और वह जिसने अंततः देश का विभाजन कराया, थी - विधान सभाओं में मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों और स्थानों का आरक्षण U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001/U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2004
- 1909 ई. में मॉर्ले - मिंटो सुधारों का सबसे बुरा पक्ष था मुसलमानों को पृथक अथवा सांप्रदायिक निर्वाचन पद्धति की सुविधा प्रदान करना।
- इस सुविधा ने कालांतर में भारत के सार्वजनिक - सांप्रदायिक जीवन को विषाक्त कर दिया और अंततः देश के विभाजन के बीजारोपण का काम किया।
- इसके विषय में जवाहरलाल नेहरु ने कहा था - इससे उनके चारों ओर एक राजनीतिक प्रतिरोध बन गए जिन्होंने उन्हें शेष भारत से अलग कर दिया और इसने शताब्दियों से आंरम्भ हुए एकता तथा मिलन की ओर किए गए सभी प्रयत्नों को पलट दिया।
दिल्ली में उनके राजकीय प्रवेश के अवसर पर बम फेंका गया था - लॉर्ड हार्डिंग पर U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008
- लॉर्ड हार्डिंग इस विभ्रम के प्रभाववश संतुष्टीकरण विषयक कार्य कर रहा था कि इनके द्वारा आतंकवादी आंदोलन को सफलतापूर्वक दबाया जा सकता है।
- लेकिन शीघ्र ही उस समय उसका मोहभंग हो गया जब 23 दिसंबर, 1912 को दिल्ली में राजधानी स्थानांतरण के औपचारिक समारोह के अवसर पर वह जुलूस के रुप में दिल्ली में प्रवेश कर रहा था कि उस पर चांदनी चौक में बम फेंका गया।
ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार को एक अलग प्रांत का दर्जा किस वर्ष प्राप्त हुआ - 1912 B.P.S.C. (Pre) 2000
- दिसंबर, 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मेरी के भारत आगमन पर उनके स्वागत हेतु दिल्ली में एक दरबार का आयोजन किया गया।
- दिल्ली दरबार में ही सम्राट ने बंगाल विभाजन को रद्द घोषित किया, साथ ही बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर दिया गया।
- यह विभाजन 1912 से लागू हुआ।