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सुभाष चंद्र बोस

जन्म - 23 जनवरी 1897 (ओड़िशा के कटक शहर)

नाम - सुभाष चंद्र बोस, नेता जी

नारा - जय हिन्द, तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

पिता - जानकीनाथ बोस, (अंग्रेजो ने - रायबहादुर)

माता - प्रभावती

 पुत्र - 8 बेटे

पुत्री - 6 बेटियाँ

पत्नी - एमिली शेंकल

पुत्री - अनिता बोस फाफ - प्रो मार्टिन फाफ

बेटा - पीटर अरुण

बेटी - थॉमस कृष्णा व माया कैरीना

पदवी - अध्यक्ष (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) (1938)

सुप्रीम कमाण्डर आजाद हिन्द फौज

राजनीतिक पार्टी - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1921 - 1940, फॉरवर्ड ब्लॉक 1939 - 1940


नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म जिस नगर में हुआ था वह है - कटक        U.P.P.C.S. (Mains) 2006

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था।
  • उन्होंने 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए।
  • 1938 एवं 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने, 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा 1942 में जर्मनी भाग गए।
  • उन्होंने 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली।
  • प्रायः उन्हें नेताजी के नाम से स्मरण किया जाता है।

वर्ष 1939 में कांग्रेस को छोड़ने के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने किस दल की स्थापना की - फारवर्ड ब्लॉक        I.A.S. (Pre) 2005

  • 1939 में त्रिपुरी संकट के बाद कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की।
  • यह संगठन वामपंथी विचारधारा पर आधारित था।

एस.सी.बोस ने फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी - 1939 में        U.P.P.C.S. (Mains) 2016

  • सुभाष चंद्र बोस ने वर्ष 1939 में फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी।
  • वर्ष 1947 में फारवर्ड ब्लॉक ने शक्ति के हस्तांतरण को झूठे शक्ति हस्तांतरण की संज्ञा दी और उनका कहना था कि भयभीत बुर्जुआ लोगों ने अंग्रेजी साम्राज्यवादियों से साझेदारी स्थापित कर ली है ताकि जनता के संघर्ष को समाप्त किया जा सके।

आई.एन.ए. किसके दिमाग की उपज थी और किसने इसकी स्थापना की - मोहन सिंह        B.P.S.C. (Pre) 1994

  • आजाद हिंद फौज की स्थापना मूलतः कैप्टन मोहन सिंह ने की थी।
  • वे ब्रिटेन की भारतीय सेना में अफसर थे। जब ब्रिटिश सेना पीछे हट रही थी, तो मोहन सिंह जापानियों के साथ हो गए थे।
  • जापानियों ने जब भारतीय सैनिकों को मोहन सिंह को सुपुर्द कर दिया, तो वे उन लोगों को आजाद हिंद फौज में भर्ती करने लगे।

आई.एन.ए. मानसिक पुत्र था - ज्ञानी प्रीतम सिंह तथा मेजर आईवाची फूजीवारा का        U.P.P.C.S. (Pre) 2001        

  • दिसंबर, 1941 में उत्तरी मलय के जंगलों में कैप्टन मोहन सिंह के नेतृत्व वाली 1/14 पंजाब रेजिमेंट की टुकड़ी जापानी सेना से पराजित हुई।
  • इस टुकड़ी के अंग्रेज लेफ्टिनेंट कर्नल एल.वी. फिट्जपैट्रिक जापान के युद्ध - बंदी हुए लेकिन बैंकाक निवासी भारतीय सिख ज्ञानी प्रीतम सिंह के जिम्मेदारी लेने पर कैप्टन मोहन सिंह और अन्य भारतीय सैनिकों को युद्धबंदी के बजाए जापान के मित्र का दर्जा दिया गया।
  • ज्ञानी प्रीतम सिंह गदर पार्टी के सदस्य थे और बैंकाक में भारतीय स्वतंत्रता के लिए कार्यरत थे।
  • श्री प्रतीम सिंह जापान के सहयोग से स्वतंत्र भारतीय सेना का गठन करना चाहते थे।
  • जापान के मेजर आईवाची फूजीवारा एवं ज्ञानी प्रीतम सिंह ने ही कैप्टन मोहन सिंह को इंडियन नेशनल आर्मी का नेतृत्व करने के लिए उत्साहित किया।
  • दिसंबर 1941 के अंत में कैप्टन मोहन सिंह इसके लिए सहमत हो गये।
  • फरवरी/मार्च 1942 में मोहन सिंह के नेतृत्व में इंडियन नेशनल आर्मी का गठन किया गया जिसमें जापान के मलय अभियान के तहत पराजित ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को शामिल किया गया था।
  • आई.एन.ए. का विचार ज्ञानी प्रीतम सिंह और फूजीवारा ने दिया जबकि कैप्टन मोहन सिंह ने उसे प्रथम नेतृत्व प्रदान करने का साहसिक कार्य किया।

आजाद हिंद फौज का प्रथम सेनापति था - मोहन सिंह        U.P.P.C.S. (Pre) 2005

  • आजाद हिंद फौज की पहली डिवीजन का औपचारिक गठन 1 सितंबर, 1942 को हुआ और कैप्टन मोहन सिंह इसके प्रथम सेनापति बने।

आजाद हिंद सरकार के निर्माण की घोषणा की गई - 21 अक्टूबर, 1943 को         B.P.S.C. (Pre) 1997       

  • 4 जुलाई, 1943 को रास बिहारी बोस ने आजाद हिंद फौज की कमान सुभाष चंद्र बोस को सौंप दी।
  • 21 अक्टूबर, 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार (आजाद हिंद सरकार) का गठन किया।

भारतीय राष्ट्रीय सेना (I.N.A.) की स्थापना किस वर्ष में हुई - 1942        B.P.S.C. (Pre) 1999/U.P. Lower Sub. (Pre) 2003        

  • व्यावहारिक रुप से सैन्य इकाई के रुप में इंडियन नेशनल आर्मी का गठन मार्च/अप्रैल 1942 में कैप्टेन मोहन सिंह द्वारा प्रारंभ कर दी गयी थी।
  • लेकिन इसके गठन की औपचारिक घोषणा सितंबबर, 1942 में की गयी थी।
  • मलय क्षेत्र में भारतीयों द्वारा अपना राजनीतिक संगठन आल मलय इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का गठन किया गया था।
  • जिसकी अध्यक्षता के लिए रास बिहारी बोस को आमंत्रित किया गया था।
  • जून, 1942 में संपन्न बैंकाक सम्मेलन में एक कौंसिल ऑफ एक्शन और प्रतिनिधित्व समिति के गठन का प्रस्ताव किया गया था जिसे इंडियन इंडिपेंडेंस लीग और इंडियन नेशनल आर्मी के मध्य समन्वय तथा अधीक्षण का दायित्व सौंपा गया था।
  • रास बिहारी बोस कौंसिल ऑफ एक्शन के अध्यक्ष बनाए गए थे जबकि के.पी.के. मेनन, नेद्याम राघवन नागरिक सदस्य तथा मोहन सिंह और गिलानी सैनिक सदस्य थे।
  • जापानियों से मोहन सिंह के वैचारिक मतभेद के कारण दिसंबर, 1942 में मोहन सिंह ने आई.एन.ए. के विघटन की घोषणा कर दी किंतु रास बिहारी बोस ने मोहन सिंह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया बाद में मोहन सिंह जापानी सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए।
  • आई.एन.ए. का नेतृत्व रास बिहारी बोस ने महानायक सुभाष चंद्र बोस को सौंप दिया।
  • सिंगापुर पहुंचने के 2 दिन बाद 4 जुलाई, 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी का नेतृत्व ग्रहण कर लिया।
  • सुविधा के लिए इसे द्वितीय इंडियन नेशनल आर्मी की संज्ञा भी दी जाती है।
  • इसे ही हिन्दी में हम आजाद हिंद फौज के नाम से जानते है।

सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्र भारत की अंतरिम सरकार की स्थापना की घोषणा की थी - 21 अक्टूबर, 1943 को        U.P.R.O./A.R.O (Mains) 2013

  • 21 अक्टूबर, 1943 को सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अंतरिम सरकार की स्थापना की घोषणा की थी।

1943 में आजाद हिंद फौज अस्तित्व में आई - तत्कालीन मलाया में        I.A.S. (Pre) 2000/B.P.S.C. (Pre) 2001

  • आजाद हिंद फौज का गठन 4 जुलाई, 1943 को सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में किया गया था।
  • फौज का गठन सिंगापुर द्वीप पर किया गया था किंतु तब सिंगापुर द्वीप ब्रिटिश मलय का अंग था।
  • ब्रिटिश मलय में शामिल 3 भाग थे - (1) फेडरेटेड मलय, (2) अनफेडरेटेज मलय, (3) स्ट्रेट्स सेटलमेंट।
  • तृतीय यानी स्ट्रेट्स सेलमेंट के अंतर्गत 4 अलग - अलग क्षेत्रों को जोड़ा गया था - (1) मलक्का - वर्तमान में मलेशिया का एक राज्य है। (2) डिंडिंग - वर्तमान में मलेशिया के पेराक राज्य का एक जिला है। (3) पेनांग - वर्तमान में मलेशिया का एक राज्य है। (4) सिंगापुर - अगस्त, 1963 में स्वतंत्रता की घोषणा की, 16 सितंबर, 1963 को मलेशिया का अंग बना, 9 अगस्त, 1965 को मलेशिया की संसद के एक प्रस्ताव द्वारा मलेशिया संघ से अलग कर दिया गया।
  • इसी दिन से स्वतंत्र देश बना।
  • जब सिंगापुर में आजाद हिन्द फौज का गठन हुआ तब वह मलाया का हिस्सा था।

किस भारतीय क्रांतिकारी ने सुभाष चंद्र बोस को इंडियन नेशनल आर्मी के गठन में सक्रिय सहयोग दिया था - रास बिहारी बोस    U.P.P.C.S. (Pre) 2002    

  • सुभाष चंद्र बोस जून, 1943 में टोकियो पहुँचे उसके तुरंत बाद रास बिहारी बोस ने सुभाष चंद्र बोस के पक्ष में भारतीय स्वतंत्रता लीग की अध्यक्षता पद से त्यागपत्र दे दिया।
  • सुभाष चंद्र बोस को आजाद हिंद फौज का सर्वोच्च सेनापति घोषित किया गया।

आजाद हिंद फौज का प्रधान कार्यालय कहां स्थित था - रंगून        M.P.P.C.S. (Pre) 2013           

  • आजाद हिंद फौज का प्रधान कार्यालय रंगून में अवस्थित था।

किसने कहा था तुम मुझे खुन दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा - सुभाष चंद्र बोस        M.P.P.C.S. (Pre) 2000

  • सिंगापुर (तत्कालीन मलय) में अपने सैनिकों का आह्वान करते हुए सुभाष चंद्र बोस ने कहा था - बहुत त्याग किया है, किंतु अभी प्राणों की आहुति देना शेष है, आजादी को आज हमें अपने शीश फल चढ़ा देने वाले पागल पुजारी की आवश्यकता है, जो अपना सिर काटकर स्वाधीनता की देवी को भेंट चढ़ा सके, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

भारतीय स्वातंत्र्य संघर्ष के दौरान, किसने द फ्री इंडियन लीज़न नामक सेना बनाई - सुभाष चंद्र बोस        I.A.S. (Pre) 2008

  • सुभाष चंद्र बोस 3 अप्रैल, 1941 को जर्मनी पहुंचे।
  • 6 माह बाद जर्मन विदेश मंत्रालय की सहायता से उन्होंने द फ्री इंडिया सेंटर का गठन किया जहां से वे आजादी के पक्ष में पर्चे छपवाते थे तथा भाषण देते थे।
  • 1941 के अंत तक जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने निर्वासित आजाद हिंद सरकार को मान्यता दे दी और सुभाष चंद्र बोस को आजादी की लड़ाई हेतु सेना गठित करने की सहमति प्रदान कर दी।
  • 1942 में सुभाष चंद्र बोस ने उत्तरी अफ्रीका के रोमेल से पकड़े गए भारतीय युद्धबंदियों को भर्ती कर 10 हजार सैनिकों का दल गठित किया।
  • इसे ही द फ्री इंडियन लीज़न कहा गया।

किसने रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेंट की स्थापना की - सुभाष चंद्र बोस        U.P. Lower Sub. (Pre) 2015

  • रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेंट की स्थापना 1943 ई. में सुभाष चंद्र बोस ने किया था।
  • लक्ष्मी सहगल आजाद हिंद फौज की महिला ब्रिगेड रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेंट की कमांडर थीं।
  • आजाद हिंद फौज के तीन अन्य ब्रिगेड थे - सुभाष ब्रिगेड और गांधी ब्रिगेड।

किस एक ने सुभाष चंद्र बोस को देश नायक कहा था - रबींद्रनाथ टैगोर        U.P.P.C.S. (Pre) 2009/U.P.P.C.S. (Mains) 2006

  • सुभाष चंद्र बोस को 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा शांति निकेतन में देश नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
  • महात्मा गांधी ने उन्हें देशभक्तों का देशभक्त कहा था।

जय हिंद किसका नारा था - सुभाष चंद्र बोस        U.P.P.C.S. (Pre) 1990

  • जय हिंद का नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था, यह आजाद हिंद फौज में नमस्कार का ढंग था और आज यह सारे देश का नारा हो गया है।

आजाद हिंद फौज दिवस किस तिथि को मनाया गया था - 12 नवंबर, 1945 को        U.P.P.C.S. (Mains) 2013

  • आजाद हिंद फौज दिवस 12 नवंबर. 1945 को मनाया गया था जबकि 5 नवंबर से 11 नवंबर, 1945 तक आजाद हिंद फौज के सिपाहियों आर.के.सहगल, शाह नवाज और गुरुबख्श सिंह ढिल्लन पर लाल किले में मुकदमा चलाया गया था।

आजाद हिंद फौज के किस सैनिक को 7 वर्ष के कारावास का दंड दिया गया - राशिद अली        U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2008    

  • आजाद हिंद फौज के सैनिकों एवं अधिकारियों को गिरफ्तार कर ब्रिटिश सरकार ने नवंबर, 1945 में दिल्ली के लाल किले में उन पर मुकदमा चलाया।
  • इसमें तीन अभियुक्तों प्रेम सहगल, गुरुबख्श सिंह और शाहनवाज को फांसी की सजा तथा राशिद अली को 7 वर्ष के कारावास का दंड दिया गया।
  • इनके बचाव के लिए कांग्रेस ने आजाद हिंद फौज बचाव समिति का गठन किया जिसमें भूलाभाई देसाई के नेतृत्व में तेज बहादुर सप्रू, कैलाश नाथ काटजू, अरुणा आसफ अली और जवाहरलाल नेहरु प्रमुख वकील थे।
  • सरकार के निर्णय के विरुद्ध पूरे देश में तेज प्रतिक्रिया हुई अंत में विवश होकर वायसराय लॉर्ड वेवेल ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मृत्युदंड की सजा को माफ कर दिया।

आजाद हिंद फौज के किस अधिकारी ने लाल किले पर चलाए गए मुकदमें का सामना नहीं किया - मोहन सिंह        M.P.P.C.S. (Pre) 2010

  • आजाद हिंद फौज के अधिकारी मोहन सिंह ने लाल किले पर चलाए गए मुकदमे का सामना नहीं किया।
  • आजाद हिंद फौज के गिरफ्तार सैनिकों और अधिकारियों पर अंग्रेज सरकार ने दिल्ली के लाल किले में नवंबर, 1945 ई. में मुकदमें चलाए।
  • जिसमें एक हिंदू, एक मुसलमान और एक सिक्ख (पी.के. सहगल, शाहनवाज और गुरुबख्श सिंह ढिल्लो) को एक साथ अभियुक्त बनाया।
  • बचाव पक्ष की ओर से भूलाभाई देसाई, तेज बहादुर सप्रू और नेहरु वकील थे (नेहरु ने 25 साल बाद बैरिस्टर का अपना लबादा पहना था) और इसके देशव्यापी विरोध में मुस्लिम लीग भी सम्मिलित हो गई।

किसने 1945 में आजाद हिंद फौज की ओर से लाल किले के मुकदमे में पैरवी कर रहे वकीलों की अध्यक्षता की - भूलाभाई देसाई        U.P.P.C.S. (GIC) 2010

  • 1945 में लाल किले में आजाद हिंद फौज के सिपाहियों के प्रसिद्ध मुकदमे की पैरवी कैलाश नाथ काटजू, सर तेज बहादुर सप्रू, जवाहरलाल नेहरु, भूलाभाई देसाई आदि कर रहे थे।
  • वकीलों के इस समूह की अध्यक्षता भूलाभाई देसाई ने की थी।



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