राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किस राज्य के दो मंदिरों में प्रसाद परियोजना की आधारशिला रखी है -
Answer:Option 3
Explanation:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान’’ (प्रसाद) योजना के तहत तेलंगाना के भद्राचलम तीर्थ में सुविधाओं के विकास के लिए परियोजना की आधारशिला रखी।
उन्होंने भद्राचलम के प्रसिद्ध भगवान राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।
मुर्मू ने कहा कि पर्यटन लोगों की आजीविका के अवसरों और आय को बढ़ाता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।
राष्ट्रपति ने ‘प्रसाद’ के तहत तीर्थ स्थलों के विकास के माध्यम से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय की सराहना की।
लोकायुक्त विधेयक 2022' पारित करने वाला पहला राज्य कौन सा बना है -
Answer:Option 4
Explanation:महाराष्ट्र विधानसभा ने 28 दिसंबर को लोकायुक्त विधेयक 2022 पारित किया, जो मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाता है।
ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य है।
शिक्षक प्रवेश परीक्षा में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के सदन से बहिर्गमन करने के कारण विधेयक बिना किसी चर्चा के पारित हो गया।
कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने विधेयक पेश किया जिसमें मुख्यमंत्री और कैबिनेट को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के दायरे में लाने का प्रावधान है।
अगली पीढ़ी के लिए धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने के लिए किस देश ने तंबाकू कानून पारित किया है -
Answer:Option 4
Explanation:यह आने वाली पीढ़ियों के लिए धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है
न्यूजीलैंड की सरकार ने नई जनरेशन में स्मोकिंग (धूम्रपान) को रोकने के उद्देश्य से अपने देश में एक नया टोबैको लॉ लेकर आई है।
यह नया कानून 2023 में लागू कर दिया जायेगा। इसके तहत 1 जनवरी, 2009 के बाद पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को सिगरेट की खरीद पर प्रतिबद्ध होगा।
इस कानून की वजह से हर साल कम लोग तंबाकू खरीद पाएंगे।
इस बिल का उद्देश्य देश बर में स्मोक्ड तम्बाकू उत्पादों को बेचने में सक्षम खुदरा विक्रेताओं की संख्या को 6000 से घटाकर 600 करना है।
किस देश की संसद ने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पारित किया है-
Answer:Option 3
Explanation:ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस ने घोषणा की कि भारत के साथ देश का मुक्त व्यापार समझौता उसकी संसद के माध्यम से पारित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर 12 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में ऑस्ट्रेलिया की स्थिति को सुरक्षित रखेगा।
किस राज्य सरकार द्वारा निजी भूमि पर लघु खनिज खनन की अनुमति प्रदान की गई -
Answer:Option 1
Explanation:पश्चिम बंगाल सरकार एक नई नीति बनाने के लिए तैयार है, जो निजी भूमि पर काले पत्थर, चूना पत्थर और क्वार्ट्ज जैसे गौण खनिजों के खनन के लिए एक कंद्रीकृत प्रणाली स्थापित करेगी।
हाल ही में किस राज्य सरकार ने प्राइवेट नौकरी में स्थानीय लोगो को 75% आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया हैं-
Answer:Option 3
Explanation:हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरी में स्थानीय लोगो को 75% आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया हैं।
हरियाणा की खट्टर सरकार को प्राइवेट जॉब में 75 फीसदी आरक्षण पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से झटका लगा है. कोर्ट ने हरियाणा डोमिसाइल जॉब रिजर्वेशन पर रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ हरियाणा उद्योग संघ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था।
फ्लोर टेस्ट से संबंधित राज्यपाल के संवैधानिक प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में दिया गया है -
Answer:Option 4
Explanation:अनुच्छेद 174 -राज्यपाल को राज्य विधानसभा को बुलाने, भंग करने और सत्रावसान करने का अधिकार देता है।
संविधान का अनुच्छेद 174 (2) (b) राज्यपाल को कैबिनेट की सहायता और सलाह पर विधानसभा को भंग करने की शक्ति प्रदान करता है।
हालाँकि राज्यपाल अपने विवेक का तब प्रयोग कर सकता है जब ऐसा मुख्यमंत्री सलाह प्रदान करता है, जिसका बहुमत संदेह में हो सकता है।
अनुच्छेद 175 (2) के अनुसार, राज्यपाल सदन का सत्र आहूत कर सकता है और यह साबित करने के लिये फ्लोर टेस्ट का आह्वान कर सकता है कि सरकार के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या है या नहीं।
हालाँकि, राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार ही उपरोक्त शक्ति का प्रयोग कर सकता है जिसके अनुसार राज्यपाल मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करता है।
जब सदन सत्र में होता है, तो अध्यक्ष फ्लोर टेस्ट के लिये बुला सकता है।
लेकिन जब विधानसभा सत्र में नहीं होती है तो अनुच्छेद 163 के तहत राज्यपाल अपनी अवशिष्ट शक्तियों का उपयोग करके फ्लोर टेस्ट के लिये बुलाने की अनुमति दे सकता हैं।
राज्यपाल की विवेकाधीन शक्ति →
अनुच्छेद 163 (1) अनिवार्य रूप से राज्यपाल की किसी भी विवेकाधीन शक्ति को केवल उन मामलों तक सीमित करता है जहाँ संविधान स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करता है कि राज्यपाल को अपने विवेक पर कार्य करना चाहिये और इसे स्वतंत्र रूप से लागू करना चाहिये।
राज्यपाल अनुच्छेद 174 के तहत अपनी विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग तब कर सकता है जब मुख्यमंत्री ने सदन का समर्थन खो दिया हो तथा उसका समर्थन बहस योग्य हो।
आमतौर पर तब मुख्यमंत्री पर संदेह किया जाता है जब उन्होंने बहुमत खो दिया है तो विपक्ष और राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिये बुलाएंगे।
कई मौकों पर अदालतों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब सत्तारूढ़ दल का बहुमत सवालों के घेरे में हो, तो जल्द-से-जल्द उपलब्ध अवसर पर एक फ्लोर टेस्ट आयोजित किया जाना चाहिये।
फ्लोर टेस्ट →
यह बहुमत के परीक्षण के लिये उपयोग किया जाने वाला शब्द है।
यदि किसी राज्य के मुख्यमंत्री (CM) के खिलाफ संदेह है, तो उसे सदन में बहुमत साबित करने के लिये कहा जा सकता है।
गठबंधन सरकार के मामले में मुख्यमंत्री को विश्वास मत और बहुमत हासिल करने के लिये कहा जा सकता है।
स्पष्ट बहुमत के अभाव में जब सरकार बनाने के लिये एक से अधिक व्यक्ति दावा कर रहे हों, राज्यपाल यह देखने के लिये एक विशेष सत्र बुला सकते हैं कि सरकार बनाने के लिये किसके पास बहुमत है।
कुछ विधायक अनुपस्थित हो सकते हैं या मतदान नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं।
ऐसी स्थिति में संख्याओं पर केवल उन विधायकों के आधार पर विचार किया जाता है जो मतदान करने के लिये उपस्थित थे।
भारत के संविधान का कौन-सा अनुच्छेद कानून के अधिकार के बिना किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किये जाने का संरक्षण देता है -
Answer:Option 4
Explanation:देश पिछले कुछ हफ्तों से विध्वंस अभियान का उन्माद देख रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300A में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "कानून के अधिकार के बिना किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा"।
बुलडोज़र के माध्यम से त्वरित 'न्याय' सुनिश्चित करने का विचार उत्तर प्रदेश में उत्पन्न हुआ। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के विरोध में उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने में कथित रूप से शामिल लोगों से हर्जाना वसूलने के आदेश पारित किये।
राज्य सरकार का दावा है कि ये विध्वंस, अवैध अतिक्रमण के जवाब में हैं।
हालाँकि तथ्य यह है कि ये मनमाने ढंग से विध्वंस एक विशेष समुदाय के कथित दंगाइयों के खिलाफ किये जा रहे हैं और इसका उद्देश्य दंगों में शामिल लोगों को सामूहिक रूप से सज़ा देना है।
विध्वंस अभियान कैसे समस्याग्रस्त
पर्याप्त आवास का अधिकार
आवास का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है।
संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय →
ओल्गा टेलिस बनाम बॉम्बे नगर निगम निर्णय 1985, (Olga Tellis vs Bombay Municipal Corporation judgment in 1985):
न्यायालय ने निर्णय दिया कि फुटपाथ पर रहने वालों को बिना तर्क के बल प्रयोग कर तथा उन्हें समझाने का मौका दिये बिना बेदखल करना असंवैधानिक है।
यह उनके आजीविका के अधिकार (Right to Livelihood) का उल्लंघन है।
मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) →
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 21 के दायरे की व्याख्या करते हुए कहा कि "कानून की उचित प्रक्रिया" "कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया" का एक अभिन्न अंग है, यह समझाते हुए कि ऐसी प्रक्रिया निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और उचित एवं तर्कसंगत होनी चाहिये।
यदि कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया काल्पनिक, दमनकारी और मनमानी प्रकृति की है तो इसे प्रक्रिया बिल्कुल नहीं माना जाना चाहिये तथा इस प्रकार अनुच्छेद 21 की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाएगा।
नगर निगम, लुधियाना बनाम इंद्रजीत सिंह (2008) →
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि नगरपालिका कानून के तहत नोटिस देने का अधिकार प्रदान किया जाता है, तो इस अधिकार का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना चाहिये।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी प्राधिकरण बिना नोटिस दिये तथा कब्ज़ा करने वालों को सुनवाई का अवसर दिये बिना, अवैध निर्माणों हेतु भी सीधे विध्वंस कार्य नही़ कर सकता है।
यह उचित समय है कि भारत की संवैधानिक व्यवस्था के संरक्षक के रूप में न्यायपालिका कार्य करे और कार्यपालिका शक्ति के बेलगाम प्रयोग पर आवश्यक रोक लगाए।
न्यायालयों को राष्ट्रवादी-लोकलुभावन विमर्श का मुकाबला करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय कानून का उपयोग करना चाहिये।
आपराधिक कृत्य के दंडात्मक परिणाम के रूप में विध्वंस अभियान का औचित्य पूरी तरह से आपराधिक न्याय के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है।
विध्वंस अभियानों का संचालन एक प्रतिशोधी उपाय के रूप में यहांँ तक कि हिंसा को रोकने के लिये घोषित उद्देश्य के साथ तोड़-फोड़ करना कानून के शासन के सिद्धांत का उल्लंघन है।
हाल ही में किस राज्य सरकार द्वारा 13 नए जिलों का उद्घाटन किया गया -
Answer:Option 2
Explanation:आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार, 4 अप्रैल को गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के 13 नए जिलों का उद्घाटन किया। नतीजतन, राज्य में कुल 26 जिले होंगे।
एक गाइड के रूप में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का उपयोग करके नए जिले बनाए गए थे। 13 नए जिलों के जुड़ने के साथ, आंध्र प्रदेश में अब कुल 26 जिले हो गए हैं।
निम्नलिखित नए जिलों और उनके मुख्यालयों की सूची है →
अल्लूरी सीताराम राजू जिला - पडेरू
अन्नामय्या जिला – रायचोत्य
अनाकापल्ली - अनकपल्ली
बापटला — बापटला
एलुरु - एलुरु
काकीनाडा — काकीनाडा
कोना सीमा - अमलापुरम
मान्यम जिला - पार्वतीपुरम
नंदयाल - नंदयाल
एनटीआर जिला – विजयवाड़ा
पलनाडु — नरसरावपेट
श्री बालाजी जिला – तिरुपति
श्री सत्यसाई जिला – पुट्टपर्थी
आंध्र प्रदेश के 26 जिलों के हिस्से के रूप में, अब 23 राजस्व मंडल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने सरकार की विकेन्द्रीकृत प्रणाली को स्वीकार किया है और पसंद किया है क्योंकि पहल सीधे उनके दरवाजे पर दी जाती है और अब इसे जिलों तक बढ़ाया जा रहा है।
सीएम ने आगे कहा कि पहले एक जिले में 38 लाख 15 हजार लोगों की सेवा होती थी, लेकिन आज 26 जिलों की स्थापना से प्रत्येक जिला 19 लाख 7 हजार लोगों की सेवा करेगा।
हाल ही में चर्चा में रहे मोटर वाहन समझौता 2015 पर कितने देशों ने सहमति दर्ज की -
Answer:Option 4
Explanation:बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल (BBIN) मोटर वाहन समझौते (MVA) पर 2015 में सभी चार BBIN देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है।
BBIN MVA →
BBIN मोटर वाहन समझौते (MVA) पर जून 2015 में थिम्पू, भूटान में BBIN परिवहन मंत्रियों की बैठक में हस्ताक्षर किए गए थे।
BBIN MVA इन चार देशों को कार्गो और यात्रियों के परिवहन के लिए एक दूसरे के देश में अपने वाहनों को चलाने की अनुमति देगा।
दूसरे देश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए, वाहनों को एक ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
इस समझौते के तहत, सीमा पर एक देश के ट्रक से दूसरे देश के ट्रक में माल के ट्रांस-शिपमेंट की कोई आवश्यकता नहीं है।
मालवाहक वाहनों पर इलेक्ट्रॉनिक सील लगेगी ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके।
हर बार कंटेनर का दरवाजा खुलने पर रेगुलेटर अलर्ट हो जाएंगे।
चूंकि कार्गो वाहनों में GPS ट्रैकिंग डिवाइस के साथ इलेक्ट्रॉनिक सील लगी होती है, इसलिए सीमा पर सीमा शुल्क निकासी की आवश्यकता नहीं होती है।
BBIN MVA का अनुसमर्थन →
एक बार सभी चार देशों द्वारा समझौते की पुष्टि हो जाने के बाद, यह लागू हो जायेगा। बांग्लादेश, भारत और नेपाल ने इस समझौते की पुष्टि की है।
विपक्षी दलों की आपत्तियों के कारण भूटान ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
नवंबर 2016 में भूटानी संसद के ऊपरी सदन ने इस समझौते को खारिज कर दिया था।
भूटान अपने देश में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या को सीमित करना चाहता है।
भूटान को पर्यावरण को होने वाले नुकसान और भूटानी ट्रक ड्राइवरों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता है।
भूटान और भारत के बीच पहले से ही एक द्विपक्षीय समझौता है जो दोनों देशों के बीच वाहनों की निर्बाध आवाजाही की अनुमति देता है।
इसलिए, BBIN समझौते की पुष्टि नहीं करने के भूटान के फैसले का असर केवल नेपाल और बांग्लादेश के साथ उसके व्यापार पर पड़ेगा।