हाल ही में किस राज्य के ‘अजरख’ को जीआई टैग प्रदान किया गया है -
Answer:Option 2
Explanation:गुजरात राज्य के कच्छ अजरख को जीआई टैग प्रदान किया गया है।
कच्छ अजरख एक कपड़ा शिल्प है, अजरख वस्त्रों के निर्माण में एक श्रमसाध्य प्रक्रिया शामिल होती है जहां कपड़े आठ बार धोने के चक्र से गुजरते हैं।
कपड़ों को वनस्पति और खनिज रंगों के साथ रंगा जाता है, जिससे उनके जीवंत रंग और दीर्घायु सुनिश्चित होती है।
जीआई टैग से स्थानीय कारीगरों और उनके समुदायों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे इस अद्वितीय कपड़ा कला रूप के निरंतर संरक्षण और प्रचार को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
हाल ही में किस शहर की ‘तिरंगा बर्फी’ और काशीपुर मोहल्ले के ‘मेटल कास्टिंग क्राफ्ट’ को GI टैग का दर्जा मिला है -
Answer:Option 2
Explanation:बनारस के ‘तिरंगा बर्फी’ और काशीपुर मोहल्ले के ‘मेटल कास्टिंग क्राफ्ट’ को GI टैग का दर्जा मिला है।
प्राचीन समय में तिरंगी बर्फी में केसरिया रंग के लिए केसर, हरे रंग के लिए पिस्ता और बीच के सफेद रंग में खोए की सफेदी एवं काजू का प्रयोग किया जाता रहा है।
पूजन-अनुष्ठान से लेकर साज-सज्जा के सामान के तौर पर देश-विदेश में छाने वाली ढलुआ मूर्ति धातु शिल्प (मेटल कास्टिंग क्राफ्ट) बनारस की बौद्धिक संपदा के रूप में पंजीकृत हो गई है।
हाल ही में किस राज्य के सितार और तानपुरा को GI टैग मिला है -
Answer:Option 4
Explanation:महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिरज में बने सितार और तानपुरा को GI टैग प्रदान किया गया है।
मिरज में सितार और तानपुरा बनाने की परंपरा 300 साल से भी अधिक पुरानी है।
सितार और तानपुरा बनाने के लिए लकड़ी कर्नाटक के जंगलों से खरीदी जाती है, एक महीने में 60 से 70 सितार और लगभग 100 तानपुरा बनाता है।
काठिया गेहूं जिसे हाल ही में जीआई टैग दिया गया है किस राज्य से सम्बंधित है -
Answer:Option 3
Explanation:उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के काठिया गेहूं को जीआई टैग प्रदान किया गया है।
काठिया गेहूं स्वदेशी गेहूं की किस्म है जो अपनी उच्च प्रोटीन सामग्री और न्यूनतम पानी की आवश्यकताओं के लिए जानी जाती है।
काठिया गेहूं जीआई टैग पाने वाली उत्तर प्रदेश की यह पहली कृषि उपज है।
इस फसल के लिए जीआई टैग का आवेदन साल 2022 में किया गया था।
हाल ही में किस राज्य के माताबारी पेड़ा और रिग्नाई (पचरा) को जीआई टैग मिला है -
Answer:Option 1
Explanation:त्रिपुरा राज्य के गोमती जिले के त्रिपुरसुंदरी मंदिर के माताबारी पेड़े और आदिवसी महिलाओं की पारंपरिक पोशाक रिग्नाई (पचरा) को जीआई टैग प्राप्त हुआ है।
त्रिपुरसुंदरी मंदिर के पेड़े गोमती जिले में माताबारी महिला क्लस्टर लेवल बहुमुखी समबाया समिति लिमिटेड द्वारा आवेदन किया गया था।
रिग्नाई त्रिपुरा का एक पारंपरिक कपड़ा उत्पाद है जो हथकरघा पर कुशल बुनकरों द्वारा बनाया जाता है।
त्रिपुरसुंदरी मंदिर 260 वर्षों से अधिक पुरानी 51वीं शक्तिपीठ है।
हाल ही में किस जिले की प्रसिद्ध ‘सांझी क्राफ्ट’ को GI टैग का दर्जा मिला है -
Answer:Option 3
Explanation:उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की प्रसिद्ध ‘सांझी क्राफ्ट’ को GI टैग का दर्जा मिला है।
सांझी पेपर कटिंग की कृति मथुरा के स्वर्गीय चैनसुख दास वर्मा के हाथों की बनाई थी।
करीब तीन दशक से मंदिरों तक सीमित रह गई इस कला को जीवंत करने के लिए द ब्रज फाउंडेशन ने करीब दस साल पहले प्राचीन ब्रह्मकुंड पर सांझी मेला का आयोजन किया।
इससे बृज की ’सांझी’ सांझ, सज्जा, सजावत तथा राधारानी के प्रेम की प्रतीक इस कला को ग्लोबल मार्केट में पहचान मिलेगी।
हाल ही में किस राज्य के मांजुलि मुखौटे और पांडुलिपि पेंटिंग को GI टैग मिला है -
Answer:Option 4
Explanation:असम राज्य के मांजुलि मुखौटे और पांडुलिपि पेंटिंग को GI टैग प्रदान प्राप्त हुआ है।
मुखौटों में देवी-देवताओं, राक्षसों, जीव-जंतुओं और पक्षियों को चित्रित किया जा सकता है जिनमें रावण, गरुड़, नरसिम्हा, हनुमान, वराह, शूर्पनखा इत्यादि शामिल होते हैं।
माजुली की पांडुलिपि पेंटिंग धार्मिक कला का एक रूप है जो पूजा पर केंद्रित द्वीप की वैष्णव संस्कृति से निकटता से जुड़ी हुई है।
इन GI टैग का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करना और उनका संवर्द्धन करना है जिससे उनकी कालजयी विरासत का संरक्षण सुनिश्चित होता है।
हाल ही किस राज्य की सिल्वर फिलिग्री को GI टैग मिला है -
Answer:Option 1
Explanation:ओड़िशा की पारंपरिक हस्तशिल्प कला, तारकशी यानी Silver Filigree को GI टैग मिला है।
ओडिशा की सिल्वर फिलिग्री जिसे 'रूपा तारकासी' के नाम से भी जाना जाता है।
यह टैग अब कटक कारीगरों के बनाए चांदी के फिलाग्री आभूषणों के लिए अच्छे दाम मिलने में मदद करेगा।
हाल ही में किस राज्य के ‘कच्छी खरेक खजूर’ को GI टैग का दर्जा मिला है -
Answer:Option 3
Explanation:गुजरात राज्य के ‘कच्छी खरेक खजूर’ को GI टैग का दर्जा मिला है।
गिर केसर आम के बाद "कच्छी खरेक, कच्छ की स्वदेशी खजूर, जीआई टैग पाने वाला गुजरात का दूसरा फल बन गया है।
कच्छ लगभग दो मिलियन खजूर के पेड़ों का घर है, जिनमें से 1.7 मिलियन देशी किस्मों के अंकुर-मूल ताड़ के पेड़ हैं।
कच्छ क्षेत्र में भारत में कुल खजूर की खेती का 85% से अधिक हिस्सा होता है।
हाल ही में किस उत्तर प्रदेश के किस शहर के ‘बेसन के लड्डू’ को GI टैग मिला है -
Answer:Option 4
Explanation:अयोध्या के हनुमानगढ़ी के बेसन के लड्डू को GI टैग मिला है।
इस लड्डू को जीआई टैग मिलने के बाद इसकी विश्वसनीयता बढ़ जाएगी और इसकी मांग घरेलू और विदेशी बाजारों में बढ़ जाएगी।
वाराणसी के जीआई टैग के एक्सपर्ट पद्मश्री रजनीकांत ने इसके लिए आवेदन किया।