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महाप्राण व्यंजन – वे व्यंजन वर्ण जिनके उच्चारण में वायु अल्पप्राण व्यंजनों की अपेक्षा दुगुनी बाहर निकलती है, महाप्राण व्यंजन कहलाती है।
प्रत्येक वर्ग का दूसरा, चौथा वर्ण महाप्राण होता है।
ऊष्म व्यंजन (श,ष,स,ह) भी महाप्राण होते हैं।
कवर्ग : ख घ (कण्ठ से)
चवर्ग : छ झ (तालु से)
टवर्ग : ठ ढ (मूर्द्धा से)
तवर्ग : थ ध (दन्त से)
पवर्ग : फ भ (ओष्ठ से)
ऊष्म व्यंजन : श,ष,स,ह (14 महाप्राण वर्ण)
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