साँच को आँच नहीं
सावन हरे न भादो सूखे
भागते चोर की लंगोटी ही सही
सहज पे सो मीठा होय।
‘सदा एक समान’ रहने पर ‘सावन हरे न भादो सूखे’ लोकोक्ति प्रयुक्त होगी। विकल्प की अन्य लोकोक्तियों का अर्थ इस प्रकार है - साँच को आँच नहीं - सच्चे आदमी को कोई खतरा नहीं। सहज पके सो मीठा होय - आराम से किया गया कार्य सुखकर होता है। ‘भागते चोर की लंगोटी सही’ लोकोक्ति का सही रूप ‘भागते भूत की लंगोटी भली’ है जिसका अर्थ है - कुछ न मिलने से जो मिल जाए वही अच्छा।
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