नवीन चन्द्र सेन
बंकिम चन्द्र चटर्जी
रवीन्द्रनाथ टैगोर
काजी नजरुल इस्लाम
नवीन चन्द्र सेन से यह कथन कहा कि 'प्लासी के युद्ध के बाद भारत के लिए शाश्वत दु:ख की काली रात का आरंभ हुआ'। प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 ई. को लॉर्ड क्लाइव और सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया। वर्तमान में प्लासी बंगाल के नारिया जिले मे हुगली नदी के बाएँ तट पर स्थित है। सर यदुनाथ सरकार ने प्लासी के युद्ध के विश्व में कहा कि "23 जून 1757 ई. में भारत के मध्य कालीन युग का अन्त हो गया और आधुनिक युग का शुभारम्भ हो गया" मेल्सन ने प्लासी के युद्ध के विश्व में कहा कि "इतना तात्कालिक स्थायी और प्रभावशाली परिणामों वाला कोई युद्ध नहीं हुआ, इस युद्ध में विजय ने बंगाल में अंग्रेजी साम्राज्य की नींव डाल दी।" इतिहास के. एस. पत्रिकार के अनुसार "प्लासी सौदा था जिसमें बंगाल के धनी लोगों और मीरजाफर ने नवाब को अंग्रेजों को बेंच दिया।" प्लासी युद्ध के समय मुगल बादशाह आलमगीर द्वितीय था। अंग्रजो ने 'फूट डालो और राज करो' नीति का पहली बार प्रयोग यहीं पर किया।
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