IIT रुड़की के शोधकर्ताओं ने महिलाओं में स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर के दो सबसे खराब रूपों का पता लगाने के लिए एक नई विधि की पहचान की है। 'FASEB बायोडैवेंस' पत्रिका में प्रकाशित शोध में स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर का पता लगाने के लिए शरीर के तरल पदार्थ के रूप में पूरे लार के उपयोग का विवरण है, जो रक्त के नमूनों के उपयोग की पारंपरिक विधि के विपरीत है। संस्थान के जैव प्रौद्योगिकी विभाग से प्रोफेसर किरण अंबतिपुदी के नेतृत्व में अनुसंधान दल ने लार में मौजूद कुछ प्रोटीनों की पहचान की जो कि स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर मेटास्टेसिस के संभावित बायोमार्कर के रूप में कार्य करते हैं।
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