कुंडलियाँ
रोला
दोहा
सोरठा
कुंडलियाँ छंद का प्रथम व अन्तिम शब्द एक-सा होता हैं। कुंडलियाँ विषम मात्रिक छंद है। दो दोहा के बीच एक रोला मिलाकर कुंडलियाँ बनती है। पहले दोहे का अन्तिम चरण ही रोले का प्रथम चरण होता है तथा जिस शब्द से कुंडलियाँ का आरम्भ होता है, उसी शब्द से कुंडलियाँ समाप्त भी होती है। रोला - सम मात्रिक छंद होता है। रोला के प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं।
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