चन्द्रगुप्त मौर्य के समय
अशोक के समय
कनिष्क के समय
इनमें से कोई नहीं
जैन धर्म 'श्वेताम्बर' एवं 'दिगम्बर' सम्प्रदायों में चन्द्रगुप्त मौर्य के समय विभाजित हुआ था। श्वेतांबर के प्रमुख संस्थापक स्थूलभद्र थे।
मोक्ष प्राप्ति हेतु श्वेत वस्त्र त्याग आवश्यक नहीं है। श्वेतांबर के जीवन में स्त्रियां निर्वाण के योग्य हैं। केवल प्राप्ति के उपरांत भोजन की आवश्यकता होती है।
यह महावीर को विवाहित मानते हैं और उनकी संताने थी ऐसा उनका मानना है।
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