रुढ़
योगरुढ़
यौगिक
इनमें से कोई नहीं
रचना के आधार पर शब्द तीन प्रकार के हैं - रुढ, यौगिक एवं योगरुढ। रुढ शब्द - ये मूल शब्द हैं। इन शब्दों के खंड सार्थक नहीं होते हैं, जैसे - नाक, कान आदि। यौगिक शब्द - दो या दो से अधिक शब्द बनते हैं, जैसे दिन - रात। योगरुढ़ शब्द - ऐसे शब्द जो यौगिक तो होते होते हैं, पर अर्थ के विचार से अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर दूसरा विशेष अर्थ प्रकट करते हैं, योगरुढ़ शब्द कहलाते हैं, जैसे पंकज।
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