काठ की हाँडी चढे न दूजो बार कहावत का अर्थ हैं - 

  • 1

    एक का दूसरे पर निर्भर होना 

  • 2

    किसी तरह के दायित्व का न होना 

  • 3

    असामान्य की तुलना सामान्य से नहीं होती 

  • 4

    कपट का फल अच्छा नहीं होता 

Answer:- 4
Explanation:-

काठ की हाँडी चढ़े न दूजो बार का अर्थ है कपट का फल अच्छा नहीं होता। वाक्य प्रयोग - तुमने एक बार झूठ बोलकर रवि से सहायता ले ली तुम्हें क्या लगता है कि कोई फिर तुम्हारी सहायता करेगा क्या तुम नहीं जानते काठ की हाँडी चढ़े न दूजो बार।

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