अशर्फी की लूट और कोयले की  छाप कहावत का अर्थ है - 

  • 1

    विद्वान और मूर्ख के अन्तर का अभाव 

  • 2

    बहुमूल्य वस्तु को नष्ट होने देना और तुच्छ की सुरक्षा करना

  • 3

    कंजूस होना 

  • 4

    दूसरे का धन लूटकर अपनी संपत्ति को बढ़ाना

Answer:- 2
Explanation:-

अशर्फी की लूट और कोयले की छाप का अर्थ है बहुमूल्य वस्तु को नष्ट होने देना और तुच्छ की सुरक्षा करना। वाक्य प्रयोग - क्या भोला तुम भी अजीब हो एक तरफ सरसों पानी में बही जा रही है और तुम इस भूसे को सम्भाल रहे हो, तुमने कर दी न अशर्फी की लूट और कोयले की छाप वाली बात।

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