गुरु गोविंद सिंह
गुरु रामदास
गुरु नानक
गुरु राम सिंह
कूका विद्रोह की शुरूआत पंजाब में 1860 - 1870 ई. में हुई थी। वहाबी विद्रोह की भांति ‘कूका विद्रोह’ का भी आरंभिक स्वरूप धार्मिक था, किन्तु बाद में यह राजनीतिक विद्रोह के स्व में परिवर्तित हो गया। इसका सामान्य उद्देश्य अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना था। पश्चिम पंजाब में ‘कूका विद्रोह’ की शुरूआत लगभग 1840 में ‘भगत जवाहर मल’ द्वारा की गयी थी। अंग्रेजों ने 1872 ई. में इसके एक नेता ‘रामसिंह’ को रंगून (अब यांगून) निर्वासित कर दिया और आन्दोलन पर नियंत्रण पर लिया गया।
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