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सूरत में लॉन्च की गई उत्सर्जन व्यापार योजना (Emissions Trading Scheme-ETS) एक विनियामक उपकरण है जिसका उद्देश्य किसी क्षेत्र में प्रदूषण भार को कम करना है और साथ ही उद्योगों के अनुपालन की लागत को कम करना है।ETS एक ऐसा बाज़ार है जिसमें पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन का व्यापार होता है।इस प्रणाली में विनियामक द्वारा सभी उद्योगों के कुल उत्सर्जन की अधिकतम सीमा (Cap) तय कर दी जाती है और प्रत्येक औद्योगिक इकाई के लिये परमिट सृजित किया जाता है।विभिन्न उद्योग निर्धारित अधिकतम सीमा के अंदर परमिट (किलोग्राम में) के व्यापार द्वारा पार्टिकुलेट मैटर के उत्सर्जन की क्षमता को खरीद और बेच सकते हैं।इस कारण से, ETS को ‘कैप-एंड-ट्रेड’ मार्केट भी कहा जाता है।हालाँकि प्रदूषण नियंत्रण के लिए विश्व के कई हिस्सों में व्यापार तंत्र मौजूद हैं, लेकिन इनमें से कोई भी पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन के लिये नहीं है।यूरोपीय संघ की उत्सर्जन व्यापार प्रणाली ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिये है और भारत में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा संचालित एक योजना है जो ऊर्जा इकाइयों में व्यापार करने में सक्षम है।
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