त्रिशूर (केरल)
भोजपुर (बिहार)
कून्नूर (केरल)
इनमें से कोई नहीं
जबकि दृष्टिहीनता के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पाए जाते हैं।यह सर्वे देश के 31 जिलों में किया गया था, इस सर्वे के अनुसार पिछले 12 वर्षों में देश में अंधेपन के मामलों में 47.1 प्रतिशत की कमी आई है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा – निर्देशों के अनुसार हमारे देश ने दृष्टिहीनता की परिभाषा साल 2017 में बदली थी, जिसके अनुसार तीन मीटर की दूरी से अंगुलियां नहीं गिन पाने वाले व्यक्ति को दृष्टिहीन माना जाएगा।जबकि इसके पहले साल 1976 में तय की गई 6 मीटर की दूरी को आधार माना जाता था।
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