6.2 ट्रिलियन रुपये
7.2 ट्रिलियन रुपये
8.2 ट्रिलियन रुपये
9.2 ट्रिलियन रुपये
राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी बुरी खबर है। 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले 7 महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपए (7.2 लाख करोड़ रुपए) यह बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 प्रतिशत है। 7 महीने मतलब अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार ने 16.55 ट्रिलियन रुपये (16.55 लाख करोड़ रुपए) खर्च किए। जबकि राजस्व प्राप्ति मात्र 6.83 ट्रिलियन रुपये (6.83 लाख करोड़ रुपए) रहा।
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