18 लोगों को।
28 लोगों को।
32 लोगों को।
36 लोगों को।
इन पुरस्कारों में मुख्य नाम है लीनी सजेश का, जिनकी केरल में निपाह वायरस से संक्रमित रोगी की देखभाल के दौरान मृत्यु हो गई थी। फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म लंदन में हुआ था और उन्होंने नर्सिंग के जरिए लोगों की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया था। फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1973 में भारत सरकार द्वारा नर्सों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों को सम्मानित करने के लिए की गई थी। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को द लेडी विद द लैंप के नाम से भी जाना जाता है।
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