A सही है।
B सही है।
A और B दोनों सही है।
इनमें से कोई नहीं।
COVID-19 के परीक्षण के लिये एंटीबॉडी परीक्षण एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया के रूप में कार्य करेगा जो कुछ घंटों में ही त्वरित परिणाम देगा। एंटीबॉडी परीक्षण वायरस के कारण शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया का पता लगाता है। यह एक संकेत देता है कि व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया है या नहीं। वर्तमान में COVID-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये भारत केवल पारंपरिक आरटी-पीसीआर (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) परीक्षण कर रहा है। RT-PCR परीक्षण RNA से संबंधित वायरस आनुवंशिक सामग्री का पता लगाता है, जबकि एंटीबॉडी परीक्षण वायरस से संबंधित शरीर की प्रतिक्रिया का पता लगाता है। RT-PCR प्रत्यक्ष प्रमाण प्रदान करता है जबकि एंटीबॉडी किट अप्रत्यक्ष साक्ष्य प्रदान करते हैं। इस दवा को अनुसूची H1 में शामिल कर कर दिया है, जिसके साथ ही इस देश में इस दवा के निर्यात पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और उसके फार्मूले के साथ बनने वाली अन्य सभी दवाओं को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम की अनुसूची H1 में शामिल किया है। नियमों के अनुसार, अनुसूची H1 में शामिल दवा को पंजीकृत डॉक्टर की अनुसंशा के बिना नहीं बेचा जा सकता है। साथ ही विक्रेता के लिये डॉक्टर की उस पर्ची को ड्रग विभाग के पास भी जमा करना अनिवार्य होता है। यह अनुसूची वर्ष 2013 में प्रस्तुत की गई थी। अभी तक इस सूची में एड्स समेत ऐसी गंभीर बीमारियों की दवाएँ शामिल की गई हैं, जिनका शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव होता है, किंतु मरीज़ की जान बचाने के लिये इन दवाओं का प्रयोग आवश्यक होता है।
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