किस गैस के रिसाव से विशाखापट्टनम में 7 मई 2020 को कइयों की मौत और सैंकड़ों लोग बीमार हो गए -

  • 1

    क्‍लोरीन

  • 2

    अमोनिया

  • 3

    मिथाइल आईसोसाइनेट

  • 4

    स्टाइरीन

Answer:- 4
Explanation:-

यह केमिकल प्लांट एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का है। 1961 में बना यह प्लांट हिंदुस्तान पॉलिमर्स का था जिसका 1997 में दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी ने अधिग्रहण कर लिया था।
स्टाइरीन गैस क्या है? स्‍टाइरीन एक तरह का हाइड्रोकार्बन है। इसका उपयोग पॉलीस्टीरिन प्लास्टिक, फाइबरग्लास, रबर, सिंथेटिक मार्बल, फ्लोारिंग और लेटेक्स के निर्माण में किया जाता है। यह रंगहीन या हल्का पीला ज्वलनशील लिक्विड (द्रव) होता है। गैस के असर को कम करने का तरीका? 4-tert-Butylcatechol (4-टार्ट-ब्यूटाइलकेचॉल) का छिड़काव करके स्‍टाइरीन गैस के असर को कम किया जा सकता है। यही विशाखापत्‍तम में किया गया है। प्रभावित इलाकों में इसका छिड़काव किया गया है। यह ऑर्गेनिक केमिकल कंपाउंड है। दुनिया में स्टाइरीन को पहली बार करीब 181 साल पहले यूरोप के वैज्ञानिकों ने पहचाना। 1839 में, जर्मन विज्ञानी एडुअर्ड साइमन ने अपनी प्रयोगशाला में अमेरिकी स्वीटगम नाम के पेड़ से निकली राल या रेजिन से एक वाष्पशील तरल को अलग करने में कामयाबी पाई। 36 साल पहले भोपाल में भी गैस कांड हुआ था। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के कारखाने में 3 दिसंबर 1984 को 42 हजार किलो जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इसमें 3500 लोगों की मौत हुई थी। यह तो आधिकारिक आंकड़ा है, लेकिन माना जाता है कि इस हादसे में 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई। यहां भी एक ऑर्गनिक कम्पाउंड से निकली गैस मिथाइल आईसोसाइनेट या मिक गैस फैली थी। यह गैस कीटनाशक और पॉली प्रॉडक्ट बनाने के काम आती है। स्टाइरीन 10 मिनट में, मिक गैस कुछ सेकंड में असर करती है

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