दो साल
एक साल
तीन साल
हमेशा के लिए
राज्य मंत्रिमंडल ने 8 मई 2020 को ‘उत्तर प्रदेश अस्थायी श्रम कानूनों से छूट अध्यादेश, 2020’ (‘उत्तर प्रदेश टेम्पोरेरी एग्जेंप्शन फ़्रॉम सर्टन लेबर लॉज़ ऑर्डिनेंस 2020’) को मंजूरी दी है। सरकार का कहना है कि लॉकडाउन के बीच आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए ऐसा किया गया है। अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास अनुमति के लिए भेजा गया है। कौन से कानून तीन साल के लिए सस्पेंड ? इनमें औद्योगिक विवादों को निपटाने, व्यावसायिक सुरक्षा, श्रमिकों के स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति तथा ट्रेड यूनियनों, कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर और प्रवासी मजदूरों से संबंधित कानून शामिल हैं। अध्यादेश में किन श्रम कानूनों को छूट दी गई ? ये पहले की तरह लागू रहेंगे, कुछ श्रम कानून लागू रहेंगे, जिसमें भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996 (The Building and Other Construction Workers Act, 1996;) कामगार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 (Workers Compensation Act, 1923)। बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 (Bonded Labor System (Abolition) Act, 1976; And)। मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 (Payment of Wages Act, 1936) की धारा 5 (समय पर मजदूरी प्राप्त करने का अधिकार) शामिल है। राज्य सरकार ने कहा है कि श्रम कानूनों में बच्चों और महिलाओं से संबंधित प्रावधान लागू होते रहेंगे।
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