केवल 2 सही है।
केवल 1 सही है।
ये दोनों सही है।
इनमें से कोई नही।
12 मई, 2020 को झारखंड की ‘सोहराई खोवर पेंटिंग’ द्वारा ‘भौगोलिक संकेतक’ टैग दिया गया।
‘सोहराई खोवर पेंटिंग’ झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में स्थानीय एवं प्राकृतिक रूप से विभिन्न रंगों की मिट्टी का उपयोग करते हुए फसल के मौसम एवं शादी-समारोह के दौरान स्थानीय आदिवासी महिलाओं द्वारा प्रचलित एक पारंपरिक एवं अनुष्ठानिक भित्ति कला है।
इस शैली में लाइनों, डॉट्स, जानवरों के आंकड़े और पौधों की एक विशेषता होती है, जो अक्सर धार्मिक आइकनोग्राफी का प्रतिनिधित्व करती है।
रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, और हजारीबाग और टाटानगर रेलवे स्टेशनों के अलावा, सोहराई-खोवर चित्रों को सजाया गया है।
तेलिया रुमाल, ऐसी दोहरी बुनाई है जिसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश के चिराला में हुई थी।
इसे बनाने के लिए कपड़े में कॉटन लूम के साथ जटिल हस्तनिर्मित का काम शामिल है, जो केवल पारंपरिक हथकरघा प्रक्रिया का उपयोग करके बनाया जा सकता है।
तेलिया रुमाल तीन विशेष रंगों जैसे लाल, काले और सफेद में आता है, और विभिन्न प्रकार के डिजाइन इसकी विशिष्टता का प्रतीक है।
निजाम के राजवंश के दौरान, आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र के एक छोटे से पिछड़े गांव पुट्टपका में लगभग 20 परिवार हथकरघा बुनाई में लगे हुए थे।
तेलिया रुमाल राजस्थान के अजमेर शरीफ की दरगाह पर चढ़ाया जाता है।
हैदराबाद के निज़ाम की तत्कालीन अदालत में राजकुमारियों द्वारा तेलिया रूमाल को घूंघट के रूप में पहना गया था।
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bahut acha hai discrimination
thank you so much sir ji 👌👌
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v nice sir
kajalshukla2007@gmail.com
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