टोडा जनजाति से संबंधित कौन सा कथन सत्य है – A. टोडा जनजाति दक्षिणी भारत की नीलगिरि पहाड़ियों की एक चरवाहा जनजाति है। B. COVID-19 के मद्देनज़र टोडा कारीगर, लोगों को संक्रमण से बचाने के लिये मास्क बनाने में अपने पारंपरिक कौशल का उपयोग कर रहे हैं। C. टोडा भाषा में इस कढ़ाई को ‘पोहर’ जबकि पारंपरिक टोडा पोशाक एक विशिष्ट शॉल है जिसे ‘पुटकुली’ कहा जाता है।

  • 1

    A और B सही है

  • 2

    B और C सही है

  • 3

    A और C सही है

  • 4

    A, B, और C सही है

Answer:- 4
Explanation:-

टोडा जनजाति दक्षिणी भारत की नीलगिरि पहाड़ियों में निवास करती है। इनकी जीवन-यापन डेयरी उत्पाद, बेंत एवं बाँस आदि के पारंपरिक व्यापार पर निर्भर है। टोडा कारीगर, लोगों को संक्रमण से बचाने के लिये मास्क बनाने में अपने पारंपरिक कौशल का उपयोग कर रहे हैं। टोडा भाषा में इस कढ़ाई को ‘पोहर’ जबकि पारंपरिक टोडा पोशाक को ‘पुटकुली’ कहा जाता है। यह एक भव्य परिधान माना जाता है इसे केवल विशेष अवसरों के लिये पहना जाता है जैसे- मंदिर, त्योहारों एवं अंत में कफन के रूप में। यह कढ़ाई टोडा महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और इसमें रूखे सफेद सूती कपड़े पर ज्यामितीय डिज़ाइनों में विशिष्ट लाल एवं काले (कभी-कभी नीले) धागे का प्रयोग होता है। इसे भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है।

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book