71%
70%
74%
73%
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा की। इम्पोर्ट पर साल दर साल बैन लगाया जाएगा ताकि मेक इन इंडिया के तहत देश में हथियारों का उत्पादन बढ़े। 74 प्रतिशत तक के एफडीआई पर सरकार से पर्मिशन की जरूरत नहीं। वैसे पहले से डिफेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी है, लेकिन ऑटोमेटिक रूट (बिना सरकारी अनुमति के) से सिर्फ 49 प्रतिशत की अनुमति थी। मतलब अब डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के ऑटोमैटिक रूट में एफडीआई यानी फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट 49% से बढ़ाकर 74% होगा। यानी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में अगर विदेशी निवेश आ रहा है तो 74% निवेश तक के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इससे ज्यादा निवेश पर ही सरकार की मंजूरी लेनी होगी। क्या फायदा? देश में काम करने वाली डिफेंस प्रोडक्शन कंपनियों को फायदा मिलेगा, जो हथियार बना सकती हैं।
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