POK में कोहाला पनबिजली के लिए पाकिस्‍तान ने किस देश के साथ समझौता किया है -

  • 1

    चीन

  • 2

    जर्मनी

  • 3

    फ्रांस

  • 4

    अमेरिका

Answer:- 1
Explanation:-

हाल ही में चीन भारत की आपत्ति के बावज़ूद चीन -पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 1124 मेगावाट वाली ‘कोहाला जल विद्युत परियोजना’ को स्थापित करने की योजना बना रहा है। चीन द्वारा इस परियोजना को झेलम नदी पर निर्मित किया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान में उपभोक्ताओं के लिये पाँच बिलियन यूनिट से अधिक स्वच्छ और कम लागत वाली बिजली उपलब्ध कराना है। स्वतंत्र बिजली उत्पादक के क्षेत्र में  2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का यह एक बड़ा निवेश है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC): 3,000 किलोमीटर लंबे सीईपीसी का उद्देश्य चीन तथा पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइन और ऑप्टिकल केबल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है। यह गलियारा चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है, जो चीन को अरब सागर तक पहुँच प्रदान करता है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में ऐसी परियोजनाओं को मंज़ूरी देना उचित नहीं है।

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  • 09 Jun 2020 09:21 AM

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हाल ही में चीन भारत की आपत्ति के बावज़ूद चीन -पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 1124 मेगावाट वाली ‘कोहाला जल विद्युत परियोजना’ को स्थापित करने की योजना बना रहा है।

चीन द्वारा इस परियोजना को झेलम नदी पर निर्मित किया जाएगा।

परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान में उपभोक्ताओं के लिये पाँच बिलियन यूनिट से अधिक स्वच्छ और कम लागत वाली बिजली उपलब्ध कराना है।

स्वतंत्र बिजली उत्पादक के क्षेत्र में  2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का यह एक बड़ा निवेश है।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC):

3,000 किलोमीटर लंबे सीईपीसी का उद्देश्य चीन तथा पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइन और ऑप्टिकल केबल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है।

यह गलियारा चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है, जो चीन को अरब सागर तक पहुँच प्रदान करता है।

भारत का तर्क है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में ऐसी परियोजनाओं को मंज़ूरी देना उचित नहीं है।

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चीन द्वारा इस परियोजना को झेलम नदी पर निर्मित किया जाएगा।

परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान में उपभोक्ताओं के लिये पाँच बिलियन यूनिट से अधिक स्वच्छ और कम लागत वाली बिजली उपलब्ध कराना है।

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