दूसरी
तीसरी
पांचवी
चौथी
यह आजाद भारत की के इतिहास की तीसरी एजुकेशन पॉलिसी है, पहली एजुकेशन पॉलिसी 1968 में इंदिरा गांधी सरकार के दौरान आई , तीसरी 1986 में राजीव गांधी सरकार के दौरान आई ,इसके बाद 1992 में कुछ सुधार किए गए थे। आजादी से पहले अंग्रेजों के शासन के समय लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले ने 1854 में एजुकेशन पॉलिसी बनाई थी। इसको लेकर कहा जाता है कि अंग्रेजी बोलने वालों का ऐसा वर्ग तैयार करने की योजना थी, जिसके तहत लोगों का रंग और खून तो भारतीय हो लेकिन सोच अंग्रेजों जैसी हो जाए। हालांकि यह भी सच है कि भारत में दलितों को कानूनी रूप से पहली बार पढ़ने का हक इसी एजुकेशन पॉलिसी से आया था।
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