आर्टेमिस-1
जुपिटर 2020
मार्श 2020
इनमें से कोई नहीं
हाल ही में नासा ने मंगल ग्रह से संबंधित अपने ‘मार्स 2020 पर्सीवरेंस रोवर मिशन’ को लॉन्च कर दिया है, जो कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करने और ग्रह से एकत्रित नमूनों को वापस पृथ्वी पर भेजने का कार्य करेगा। नासा के इस मिशन का मुख्य लक्ष्य यदि मंगल ग्रह पर जीवन है तो उसके संकेतकों का पता लगाना है, इस कार्य के लिये पर्सीवरेंस रोवर नवीनतम तकनीक के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपने लैंडिंग स्थल जेज़ेरो क्रेटर का अध्ययन करेगा। नासा के इस मिशन की अवधि मंगल ग्रह के लगभग 1 वर्ष यानी पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर होगा, इस प्रकार नासा का पर्सीवरेंस रोवर 30 जुलाई, 2020 को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा। बीते कुछ दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो अन्य मिशन भी लॉन्च किये गए हैं, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप मिशन’ है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।
हाल ही में नासा ने मंगल ग्रह से संबंधित अपने ‘मार्स 2020 पर्सीवरेंस रोवर मिशन’ को लॉन्च कर दिया है, जो कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करने और ग्रह से एकत्रित नमूनों को वापस पृथ्वी पर भेजने का कार्य करेगा।
नासा के इस मिशन का मुख्य लक्ष्य यदि मंगल ग्रह पर जीवन है तो उसके संकेतकों का पता लगाना है, इस कार्य के लिये पर्सीवरेंस रोवर नवीनतम तकनीक के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपने लैंडिंग स्थल जेज़ेरो क्रेटर का अध्ययन करेगा।
नासा के इस मिशन की अवधि मंगल ग्रह के लगभग 1 वर्ष यानी पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर होगा, इस प्रकार नासा का पर्सीवरेंस रोवर 30 जुलाई, 2020 को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा।
बीते कुछ दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो अन्य मिशन भी लॉन्च किये गए हैं, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप मिशन’ है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।
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नासा के इस मिशन का मुख्य लक्ष्य यदि मंगल ग्रह पर जीवन है तो उसके संकेतकों का पता लगाना है, इस कार्य के लिये पर्सीवरेंस रोवर नवीनतम तकनीक के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपने लैंडिंग स्थल जेज़ेरो क्रेटर का अध्ययन करेगा।
नासा के इस मिशन की अवधि मंगल ग्रह के लगभग 1 वर्ष यानी पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर होगा, इस प्रकार नासा का पर्सीवरेंस रोवर 30 जुलाई, 2020 को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा।
बीते कुछ दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो अन्य मिशन भी लॉन्च किये गए हैं, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप मिशन’ है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।
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