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वैज्ञानिकों ने एक विशालकाय पक्षी के जीवाश्म की पहचान की है जो लगभग 50 मिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी पर पाया जाता था। पेलागोर्निथिड्स नामक इस इस पक्षी के पंखों का विस्तार लगभग 21 फीट तक था जबकि तुलनात्मक रूप से वर्तमान समय के सबसे बड़े पक्षी वांडरिंग के पंखों का विस्तार केवल 11 और 11.5 तक ही होता है। अंटार्कटिका से 1980 के दशक में प्राप्त किये गए ये जीवाश्म दक्षिणी महासागरों के ऊपर घूमने वाले सबसे पुराने तथा विशालकाय पक्षियों के विलुप्त हो चुके समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। पेलागोर्निथिड्स का सबसे पुराना तथा अत्यंत छोटा जीवाश्म 62 मिलियन वर्ष पुराना है जबकि इसके नए जीवाश्मों में से एक (पक्षी के पैरों का 50 मिलियन वर्ष पुराना हिस्सा) यह दर्शाता है कि विशाल पेलागोर्निथिड्स पक्षियों की उत्पत्ति 65 मिलियन वर्ष पहले हुए व्यापक विलोपन (इसी समय डायनासोर विलुप्त हुए) के बाद हुई। साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पेलागोर्निथिड्स का दूसरा जीवाश्म जो कि जबड़े की हड्डी का हिस्सा है, लगभग 40 मिलियन वर्ष पुराना है। अंतिम ज्ञात पेलागोर्निथिड्स लगभग 2.5 मिलियन वर्ष पहले तक अस्तित्व में थे।
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