उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ को मंजूरी दे दी है, इसके तहत अधिकतम कितने साल की सजा का प्रावधान है -

  • 1

    दस साल

  • 2

    दो साल

  • 3

    पांच साल

  • 4

    पंद्रह साल

Answer:- 1
Explanation:-

अध्‍यादेश की मुख्‍य बातें – लालच ,झूठ बोलकर या ज़ोर ज़बरदस्ती किये गए धर्म परिवर्तन या शादी के लिए किए गए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। नाबालिग, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला के धर्मपरिवर्तन पर कड़ी सजा होगी। सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले सामाजिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। धर्म परिवर्तन के साथ अंतर धार्मिक शादी करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इस कानून को नही तोड़ा। लड़की का धर्म बदलकर की गई शादी को शादी नही माना जायेगा। ज़बरदस्ती प्रलोभन से किया गया धर्म परिवर्तन संज्ञेय और गैर जमानती अपराध एवं कानून तोड़ने पर सजा होगी। इस कानून को तोड़ने पर कम से कम 15 हज़ार रुपये जुर्माना और एक से पांच साल तक की सज़ा होगी। यही काम नाबालिग या अनुसूचित जाति या जनजाति की लड़की के साथ करने में कम से कम 25 हज़ार रुपये जुर्माना और 3 से दस साल तक की सज़ा होगी। गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन में कम से कम पचास हज़ार रुपये जुर्माना और तीन से दस साल तक की सजा होगी। धर्म परिवर्तन के लिए तयशुदा फॉर्म भरकर दो महीने पहले डीएम को देना होगा ,इसे न मानने पर छह महीने से तीन साल की सज़ा और कम से कम दस हज़ार रुपये जुर्माना होगा।

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