दित्यपुत्र
वृषल
क्षत्रिय
निम्नकुल
विशाखदत्त ने मुद्राराक्षस एवं देवीचन्द्रगुप्तम नामक नाटक की रचना की देवीचन्द्रगुप्तम से रामगुप्त की पत्नी ध्रुवस्वामिनी का वर्णन मिलता है, तथा मुद्राराक्षस से चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। चन्द्रगुप्त मौर्य को मुद्राराक्षस में वृषल वंशीय कहा गया है।
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