घोर उपहति का वर्णन भारतीय दंड संहिता की किस धारा में है -

  • 1

    धारा 318

  • 2

    धारा 319

  • 3

    धारा 320

  • 4

    धारा 321

Answer:- 3
Explanation:-

धारा 320 आईपीसी - क्षति पहुँचाना या घोर उपहति करना
उपहति की केवल नीचे लिखी किस्में घोर कहलाती है -
1.    नपुंसीकरण।
2.    दोनों में से किसी भी नेत्र की दृष्टि का स्थायी विच्छेद।
3.    दोनों में से किसी भी कान की सुनने की शक्ति का स्थायी विच्छेद।
4.    किसी भी अंग या जोड़ का विच्छेद।
5.    किसी भी अंग या जोड़ की शक्तियों का नाश या स्थायी नुक़सान पहुंचना।
6.    सिर या चेहरे की स्थायी कुरूपता।
7.    अस्थि या दांत का टूटना या विस्थापित होना।
8.    कोई आघात जिससे जीवन को संकट हो या जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति 20 दिन तक गंभीर शारीरिक कष्ट में रहता है या अपने मामूली कामकाज को करने के लिए असमर्थ रहता है। आईपीसी धारा 318 - मृत शरीर के गुप्तव्ययन द्वारा जन्म छिपाना। आईपीसी धारा 319 - उपहति कारित करना। आईपीसी धारा 320 - घोर उपहतिकारित करना। आईपीसी धारा 321 - स्वेच्छया उपहति कारित करना।

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