इज़रायल और फिलिस्तीन हमलों से संबंधित निम्न कथनों की पुष्टि कीजिये -
1. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद कहा कि गाजा पर इजरायल के हालिया घातक हवाई हमले ‘युद्ध अपराध’ की श्रेणी में रखे जा सकते हैं।
2. इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से एक स्थायी आयोग स्थापित करने के लिए मांग की है।
3. “युद्ध अपराधों’ को संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 147 में वर्णित किया गया है।

  • 1

    1 & 2 सही है।

  • 2

    2 & 3 सही है।

  • 3

    केवल 1 सही है।

  • 4

    1,2 & 3 तीनों सही है।

Answer:- 1
Explanation:-

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है, कि गाजा पर इजरायल के हालिया घातक हवाई हमले ‘युद्ध अपराध’ की श्रेणी में रखे जा सकते हैं। हाल ही में ‘संघर्ष विराम’ से पहले, इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों और तोपों के गोलों से 254 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमे 66 बच्चे भी शामिल थे, और 11 दिनों तक चली इस लड़ाई में 1,900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ‘युद्ध अपराध’ (War Crime), अंतरराष्ट्रीय या घरेलू सशस्त्र संघर्ष के दौरान नागरिकों या ‘शत्रु लड़ाकों’ के खिलाफ किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन होते है। नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के विपरीत, युद्ध अपराध को सशस्त्र संघर्ष के संदर्भ में किए जाने वाले अपराधों को शामिल किया जाता है। ‘जिनेवा कन्वेंशन’ → वर्ष 1949 में हस्ताक्षरित चार ‘जिनेवा कन्वेंशन’ (Geneva Conventions) में ‘युद्ध अपराधों’ (War Crimes) का अर्थ स्पष्ट किया गया था। चौथे जेनेवा कन्वेंशन के अनुच्छेद 147 में युद्ध अपराधों को “जानबूझकर अत्यधिक पीड़ा पहुचाने अथवा शरीर या स्वास्थ्य पर गंभीर चोट पहुंचाने, गैरकानूनी रूप से निर्वासन या स्थानान्तरित करने, बंधक बनाने अथवा गैरकानूनी रूप से कैद करने, व्यापक स्तर पर विनाश करने और परिसम्पत्तियों पर कब्ज़ा करने सहित जानबूझकर हत्याएं, यातना देने, अन्य अमानवीय तरीकों और सैन्य-जरूरतों के तहत गैर-तर्कसंगत, जानबूझकर और निर्दयतापूर्वक किए जाने वाले कार्यो के रूप में परिभाषित किया गया है”। जिनेवा कन्वेंशन क्या है ? जिनेवा कन्वेंशन में चार संधियों और तीन अतिरिक्त प्रोटोकाल यानी मसौदों को मंज़ूरी दी गई। यह कन्वेंशन युद्धबंदियों को कुछ अधिकार प्रदान करता है। 1864 और 1949 के बीच जिनेवा में संपन्न जिनेवा कन्वेंशन (Geneva Convention) कई अंतर्राष्ट्रीय संधियों की एक ऐसी श्रृंखला है जो युद्धबंदियों (Prisoners of War-POW) और नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखने हेतु युद्ध में शामिल पक्षों को बाध्यकारी बनाती है। जिनेवा कन्वेंशन का मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिये कानून तैयार करना है। 1949 के समझौते में शामिल दो अतिरिक्त प्रोटोकॉल 1977 में अनुमोदित किये गए थे। दुनिया के सभी देश जिनेवा कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्त्ता हैं। पहला जिनेवा कन्वेंशन 1864 में हुआ। दूसरा जिनेवा कन्वेंशन 1906 में हुआ। तीसरा जिनेवा कन्वेंशन 1929 में हुआ। 1949 में चौथे जिनेवा कन्वेंशन का आयोजन हुआ।

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