हाल ही में चर्चित धारा 304-B किससे संबंधित है -

  • 1

    तीन तलाक

  • 2

    दहेज उत्पीड़न

  • 3

    लव जिहाद

  • 4

    हार्टबिल

Answer:- 2
Explanation:-

उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘दहेज उत्पीड़न’ को एक “रोगप्रसारक” अपराध बताया है, जिसमें महिला “लोभी” पतियों और ससुराल वालों की क्रूरता का शिकार बन जाती है। साथ ही, कोर्ट ने एक फैसले में संकेत देते हुए कहा है, कि दहेज हत्या पर दंडात्मक प्रावधानों से संबंधित धारा 304-B की एक जगड़ी हुई और शाब्दिक व्याख्या ने “लंबे समय से चली आ रही इस सामाजिक बुराई” के खिलाफ लड़ाई को कुंद कर दिया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 304-B के बारे में → धारा 304-B के अनुसार, दहेज हत्या का मामला बनाने के लिए, एक महिला की शादी के सात साल के भीतर जलने या अन्य शारीरिक चोटों या “सामान्य परिस्थितियों के अलावा” से मृत्यु होनी चाहिए। दहेज की मांग के संबंध में उसे अपने पति या ससुराल वालों से “मृत्यु से ठीक पहले” क्रूरता या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। धारा 304-B से जुड़ी समस्याएं → अदालतों ने ज्यादातर धारा 304-B के संकीर्ण दृष्टिकोण का सहारा लिया है। उदाहरण के लिए → न्यायालयों ने धारा 304-B में ‘ठीक पहले’ वाक्यांश की व्याख्या व्याख्या ‘तुलंत पहले’ के रुप में की थी। यह व्याख्या एक महिला के लिए यह आवश्यक बना देगी कि मरने से पहले उसे कुछ क्षणों के लिए परेशान किया गया हो। खंड में “सामान्य परिस्थितियों के अलावा” वाक्यांश भी उदार व्याख्या की मांग करता है। हाल ही में चर्चा में रहा लव जिहाद → हाल ही में गुजरात राज्य ने लव जिहाद पर कानून बनाया है। हाल ही में चर्चा में रहा हार्टबिल → हार्टबिल पास करने वाला अमेरिका पहला राज्य बना। किंतु अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने इस कानून को असंवैधानिक ठहराया है। बाद में कई अन्य राज्यों ने इस कानून को पारित किया। ये राज्य बाइबिल बेल्ट कहे जाते हैं। यह बिल भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने के बाद गर्भपात पर रोक लगाता है। भ्रूण के दिल की धड़कन का पता आम-तौर पर गर्भधारण के 6 सप्ताह बाद पता चलता है।

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