सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को अलग रखा है, जिसमें उसने फैसला सुनाया था कि राज्य में संविदा शिक्षक नियमित स्थायी शिक्षकों के बराबर वेतन पाने के हकदार हैं। 3.5 लाख संविदा शिक्षकों ने मांग की थी कि उन्हें भी नियमित शिक्षकों के समान वेतन और लाभ दिया जाना चाहिए क्योंकि वे एक ही काम कर रहे थे और उनकी शैक्षणिक योग्यता समान थी।
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