तुर्की प्रशासन व्यवस्था में सैनिक संगठन का विशेष महत्व था सैन्य संगठन मुख्यतः मंगोल पद्धति पर आधारित था।
सल्तनत कालीन सुल्तानों में बलवंत को सैन्य विभाग की स्थापना तथा अलाउद्दीन खिलजी को एक स्थाई सेना के गठन का श्रेय दिया जाता है।
सुल्तानों की सैनिक शक्ति उनके सैनिक बल पर निर्भर करती थी।
आमीर खान, मलिक ये सब उपाधियां सैनिक श्रेणियां थी।
जिसमें खान सर्वोच्च अधिकारी होता था।
तुगलक राजवंश के अंतर्गत विजारत का चरमोत्कर्ष हुआ।
तुगलक वंश के शासक ने बहुत विजारत बनवाएं जैसे- हिसार, फिरोजाबाद, फतेहाबाद, फिरोजशाह, कोटला, जौनपुर नगरों की स्थापना किया।
उसने नहरों अस्पताल मस्जिद तथा गुम्बदों का निर्माण करवाया था।
सर्वप्रथम जजिया (शर्ब) कर मोहम्मद बिन कासिम ने लगाया था और सल्तनत के इतिहास में प्रथम बार फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया।
यह कर गैर मुस्लिम नागरिकों से लिया जाता था, कहा जाता है कि इससे आने वाली राशि को दान, तनख्वाह और पेंशन बांटने के लिए होता था।
मुगल साम्राज्य सूबों में बटा हुआ था -
सूबे प्रांत - प्रमुख सर्वोच्च अधिकारी - सिपहसलार सूबेदार था।
सरकार / जिले - सर्वोच्च अधिकारी - फौजदार सरकार परगनों में विभाजित था।
परगना / महल - सर्वोच्च अधिकारी - शिकंदार परगना, गांवों में मिलकर बनता था।
गाँव / ग्राम - सर्वोच्च अधिकारी - मुकदमा, चौधरी या खत।
हदीस पैगंबर मोहम्मद के कथनों, कार्यों या आदतों का वर्णन करने वाला विवरण या रिपोर्ट को कहते हैं।
यह शब्द अरबी भाषा से निकल कर आता है और इसके अर्थ ‘रिपोर्ट’ (विवरण) ‘लेखा’ या ‘रिवायत’ है।
कुरान से अलग, एक सामान्य सहित काम जो सभी मुसलमानों द्वारा मान्यता प्राप्त है।
आज यहां इस्लामिक कानून के रूप में माना जाता है।
मुगल काल का शासन इस्लामिक कानून (शरीयत) के अनुसार नहीं चलता था।
अकबर की सरकार का आधार न केवल शरीयत था अपितु बदायूंनी के शब्दों में वह ‘जवाबित’ (राज्य के कानून) पर आधारित थाय़
सन् 1579 के मजहर ने अकबर को ‘इमाम’ और अमरूलमुमीनीन तथा मुख्य विधिक प्राधिकारी (मुजहिद) बना दिया।
इसने कुरान को राज्य का आधारभूत कानून की मान्यता दी।
सल्तनत काल के अधिकांश आमिर एवं सुल्तानों का संबंध तुर्क वर्ग से था।
सामनी राज्य के प्रांतीय शासकों में अलप्तगीन नामक तुर्क गुलाम ने अपनी गजनी वंश की स्थापना की 984 ई. में अलप्तगीन के दामाद तथा उसके अधिकारी सुबुत्कद्दीन ने हिंदूशाही शासक जयपाल को पराजित किया।
998 में महमूद गजनी का शासक बना।
13वीं और 14वीं शताब्दियों में भारतीय कृषक चना, गेहूं, कपास, धान आदि की खेती करते थे।
इसमें मक्का का खेती का विवरण नहीं मिलता है।
यद्यपि यह भूमि की उर्वरक स्थानीय पद्धति सिंचाई साधनों एवं अन्य प्राकृतिक कारको पर पूरी तरह निर्भर होता था।
आचार्य हेमचंद्र महान गुरु, समाज सुधारक, धर्मचार्य, गणितज्ञ एवं अद्भुत प्रतिभाशाली थे।
भारतीय चिंतन साहित्य और साधना के क्षेत्र में उनका नाम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
साहित्य दर्शन, योग, व्याकरण, काव्यशास्त्र, वाढङ्गय के सभी अंङ्गो पर नवीन साहित्य की सृष्टि तथा नए पंथ को आलोकित किया।
जौहर क्रिया में राजपूत स्त्रियां जौहर कुंड को आग लगाकर उसमें स्वयं का बलिदान कर देती थी।
जौहर क्रिया की सबसे अधिक घटनाएं भारत पर मुगल आदि बाहरी आक्रमणकारियों के समय में हुई।
यह मुस्लिम आक्रमणकारी हमला कर हर आने के पश्चात स्त्रियों को लूट कर उनका शीलभंग करते थे, इसीलिए स्त्रियां हार निश्चित होने पर जौहर ले लेती थी।