जैन धर्म

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जैन धर्म - महावीर स्वामी

जैन धर्म के संस्थापक कौन थे - ऋषभदेव        U.P.P.C.S. (Mains) 2010

  • जैन धर्म के मूल संस्थापक या प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव या आदिनाथ माने जाते है।
  • महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे जिन्होंने छठी शताब्दी ई.पू. के जैन आंदोलन का प्रवर्तन किया।

महावीर स्वामी का जन्म कहाँ हुआ था - कुण्डग्राम में        B.P.S.C. (Pre) 1997/B.P.S.C. (Pre) 2005/B.P.S.C. (Pre) 2011

  • महावीर स्वामी का जन्म कुण्डग्राम में (वैशाली के निकट) लगभग 599 ई.पू. अथवा 540 ई.पू. में हुआ था।
  • उनकी माता त्रिशला वैशाली के लिच्छवि गणराज्य के प्रमुख चेटक की बहन थी।
  • उनके पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियों के संघ के प्रधान थे।
  • उनके बड़े भाई नंदिवर्धन थे।
  • पत्नी - यशोदा
  • पुत्री - अणोज्या प्रियदर्शना
  • दामाद - जामालि (प्रथम शिष्य)
  • बचपन का नाम - वर्धमान
  • जाति - क्षत्रिय

महावीर जैन की मृत्यु किस नगर में हुई - पावापुरी        B.P.S.C. (Pre) 2001

  • 527 ई.पू. के लगभग 72 वर्ष की 468 ई.पू. आयु में राजगृह के समीप स्थित पावापुरी नामक स्थान पर उन्होंने शरीर त्याग दिया।

तीर्थंकर शब्द किससे संबंधित है - जैन        U.P.P.C.S. (Mains) 1993

  • जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए -
  • (1) ऋषभदेव या आदिनाथ
  • (2) अजितनाथ
  • (3) सम्भवनाथ
  • (4) अभिनन्दन नाथ
  • (5) सुमतिनाथ
  • (6) पदमप्रभु
  • (7) सुपार्श्वनाथ
  • (8) चन्द्रप्रभु
  • (9) सुविधिनाथ
  • (10) शीतल नाथ
  • (11) श्रेयांसनाथ
  • (12) वासुपूज्य नाथ
  • (13) विमलनाथ
  • (14) अनंतनाथ
  • (15) धर्मनाथ
  • (16) शान्तिनाथ
  • (17) कुंथुनाथ
  • (18) अरनाथ
  • (19) मल्लिनाथ
  • (20) मुनिसुव्रत
  • (21) नेमिनाथ
  • (22) अरिष्टनेमि
  • (23) पार्श्वनाथ
  • (24) महावीर स्वामी

जैन तीर्थंकरों के अंतिम तीर्थंकर कौन थे - महावीर स्वामी        I.A.S. (Pre) 1993

  • 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी थे व ये अंतिम तीर्थंकर थे।

प्रभासगिरि जिनका तीर्थ स्थल है, वे है - जैन        U.P.P.C.S. (Spl) (pre) 2008        

  • प्रभासगिरि उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में स्थित जैन तीर्थ स्थल है।
  • कौशाम्बी का प्रभासगिरि स्थल छवे जैन तीर्थंकर पदमप्रभु से संबंधित है।
  • इनका प्रतीक चिन्ह पद्म है।

जैन धर्म में पूर्ण ज्ञान के लिए क्या शब्द है - कैवल्य        I.A.S. (Pre) 1993        

  • महावीर स्वामी को 12 वर्षों की कठोर तपस्या तथा साधना के पश्चात जृम्भिक ग्राम के समीप ऋजुपालिका नदी के तट पर एक साल वृक्ष के नीचे कैवल्य (ज्ञान) की प्राप्ति हुई।
  • उसके बाद से वे केवलिन, जिन (विजेता), अहर्त (योग्य) तथा निर्ग्रन्थ (बन्धन रहित) कहे गए।

त्रिरत्न किससे संबंधित है - जैन धर्म         U.P.P.C.S.  (pre) 2004       

  • जैन धर्म के त्रिरत्न है -
  • (1) सम्यक दर्शन
  • (2) सम्यक ज्ञान
  • (3) सम्यक आचरण
  • तीनो का अर्थ यह है कि ----- ज्ञान धारण कर चरित्रवान बनो।

अणुव्रत सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था - जैन धर्म ने          I.A.S. (Pre) 1993            

  • पंच महाव्रत 5 अणुव्रत
  • (1) सत्य (2) अंहिसा (3) अस्तेय (चोरी ना करना) (4) अपरिग्रह (धन ना जुटाना) (5) ब्रह्मचर्य (महावीर स्वामी ने जोड़ा)

प्रारंभिक जैन साहित्य किस भाषा में लिये गए है - अर्ध - मागधी        U.P.P.C.S.  (Mains) 2006        

  • सभी प्रारंभिक धार्मिक जैन साहित्य प्राकृत की विशिष्ट शाखा अर्ध - मागधी में लिखा गया है।
  • इसके बारह अंग अर्ध - मागधी में ही है।
  • बाद में जैन धर्म ने प्राकृत भाषा को अपनाया।

जैन संप्रदाय में प्रथम विभाजन के समय श्वेतांबर संप्रदाय के संस्थापक थे - स्थूलभद्र        R.A.S/R.T.S (Pre) 1999

  • चन्द्रगुप्त मौर्य के समय जैनधर्म श्वेताम्बर और दिगम्बर में बट गया है।
  • श्वेताम्बर श्वेत वस्त्र पहनते थे और अपना गुरु स्थूलभद्र को मानते थे।
  • दिगम्बर वायुमण्डल या दिशाओं को अपना गुरु मानते है इनके गुरु का नाम भद्राबाहु है।

महावीर का प्रथम अनुयायी कौन था - जमालि        U.P.P.C.S.  (Pre) 2008         

  • महावीर स्वामी की पत्नी का नाम यशोदा था।
  • इनके पुत्री का नाम अण्णोज्जा प्रियदर्शना था।
  • जिसका विवाह जामालि नाम के क्षत्रिय से हुआ था।
  • जो बाद में महावीर स्वामी का अनुयायी बन गया।
  • यह उनका प्रथम शिष्य था।
  • ग्यारह अन्य प्रधान शिष्य जिन्हें गणधर कहा जाता है।
  • (1) इंन्द्रभूति (2) अग्निभूति (3) वायुभूत ))))))----- (तीनों भाई)
  • (4) व्यक्त (5) सुधर्मन (6) मंडित (7) मोरियपुत्र (8) अंकपित (9) अचलभ्रता (10) मेतार्थ (11) प्रभास

आजीवक संप्रदाय के संस्थापक कौन थे - मक्खलिगोसाल        U.P.P.C.S.  (Mains) 2005

  • मक्खलिगोसाल प्रारंभ में महावीर के शिष्य थे।
  • बाद में मतभेद के चलते इन्होंने महावीर की शिष्यता त्यागकर आजीवक नामक स्वतंत्र संप्रदाय की स्थापना की।
  • यह संप्रदाय लगभग 1002 ई. तक बना रहा।
  • इनका मत नियतिवाद कहा जाता है।

महान धार्मिक घटना महामस्तकाभिषेक किसके लिए की जाती है - बाहुबली        I.A.S. (Pre) 2009        

  • महामस्तकाभिषेक, जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है।
  • जो 12 वर्ष के अंतराल पर कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला में आयोजित किया जाता है।
  • यहाँ पर भगवान गोमतेश्वर बाहुबली की 18 मी. ऊँची मूर्ति स्थापित है।
  • वर्ष 2006 में महामस्तकाभिषेक हो चुका है।
  • जो अब वर्ष 2018 में होगा।

बेसनगर अभिलेख का हेलियोडोरस कहाँ का निवासी था - तक्षशिला        I.A.S. (Pre) 1997

  • तक्षशिला के यवन राजदूत हेलियोडोरस ने भागवत धर्म ग्रहण किया तथा इस स्तंभ की स्थापना करवाकर उसकी पूजा की थी।
  • इस पर उत्कीर्ण लेख में हेलियोडोरस को भागवत तथा वासुदेव को देवदेवस अर्थात देवताओं का देवता कहा गया है।

सुपार्श्वनाथ का प्रतीक चिन्ह क्या था - स्वास्तिक        U.P.P.C.S.  (Mains) 2000        

  • जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए - और उनके प्रतीक चिन्ह
  • (1) ऋषभदेव या आदिनाथ            -            सांड़  
  • (2) अजितनाथ                            -            हाथी
  • (3) सम्भवनाथ                            -            घोड़ा
  • (4) अभिनन्दन नाथ                     -            कणी
  • (5) सुमतिनाथ                            -            सारस
  • (6) पदमप्रभु                              -            कमल
  • (7) सुपार्श्वनाथ                            -            स्वास्तिक
  • (8) चन्द्रप्रभु                               -            चन्द्र
  • (9) सुविधिनाथ                           -            मकर
  • (10) शीतल नाथ                        -            श्रीवत्स
  • (11) श्रेयांसनाथ                         -             गैंडा
  • (12) वासुपूज्य नाथ                    -             भैस
  • (13) विमलनाथ                         -             सूकर
  • (14) अनंतनाथ                          -             बाज
  • (15) धर्मनाथ                             -             वज्र
  • (16) शान्तिनाथ                          -             हिरन
  • (17) कुंथुनाथ                            -             बकरा
  • (18) अरनाथ                             -             नन्धावर्त
  • (19) मल्लिनाथ                          -             पिचर कलश
  • (20) मुनिसुव्रत                          -              कच्छप
  • (21) नेमिनाथ                            -              नीलकमल
  • (22) अरिष्टनेमि                         -               शंख
  • (23) पार्श्वनाथ                            -              सर्प
  • (24) महावीर स्वामी                    -              सिंह
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Exam List

जैन धर्म - 01
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
जैन धर्म - 02
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
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